Mohan Bhagwat: कौन सी ताकतें भारत के गौरव को कम कर रही हैं, RSS प्रमुख ने इशारों-इशारों में बताया!
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Mohan Bhagwat: कौन सी ताकतें भारत के गौरव को कम कर रही हैं, RSS प्रमुख ने इशारों-इशारों में बताया!

RSS News: संघ प्रमुख भागवत ने RSS के तृतीय वर्ष के अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (OTC) के समापन समारोह में किसी दल या व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा कि वे आपस में लड़ने में इतने व्यस्त हैं कि वास्तव में देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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Mohan Bhagwat statement: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनका स्पष्ट संदर्भ देते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना की है. भागवत ने कहा, 'इस तरह की असभ्य टिप्पणियों को आम लोग करीब से देख रहे हैं.' गौरतलब है कि राहुल गांधी अभी अमेरिका में हैं, जहां कैलिफोर्निया में अपने एक भाषण के दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की थी.

विपक्ष ने लगाया था आरोप

उन्होंने भारत में लोकतंत्र की हालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'भारत में पूरा विपक्ष संघर्ष कर रहा है. सरकार मौजूदा व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए दबाने की कोशिश कर रही है.'

देश विरोधी काम एक व्यक्ति के अहंकार का परिणाम: भागवत

भागवत ने कहा, 'ऐसी ताकतें भारत की छवि को खराब करना चाहती हैं. इसलिए हमें ऐसा मौका किसी को नहीं देना चाहिए.' आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि इस तरह का काम एक व्यक्ति के अहंकार का परिणाम है. 

भागवत यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष के अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (ओटीसी) के समापन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने किसी दल या व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा कि वे आपस में लड़ने में इतने व्यस्त हैं कि वास्तव में देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

भावनात्मक अखंडता का आह्वान

जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता की प्रशंसा करते हुए भागवत ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रवाद पर कोई समझौता नहीं हो सकता और उन्होंने भावनात्मक अखंडता का आह्वान किया. भागवत ने कहा, जिस देश के लोगों ने संतुलन और राष्ट्रवाद की भावना खो दी है, जो कयामत से मिला है.

उन्होंने कहा कि इस्लाम भारत में उन आक्रमणकारियों द्वारा लाया गया, जिन्होंने कुछ समय के लिए शासन किया और छोड़ दिया, लेकिन जो लोग इस विश्वास का पालन करते हैं, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि सभी भारतीयों के पूर्वज एक ही हैं.

(इनपुट: IANS)

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