Jawan: पुलिस ने जवान फिल्म की पायरेसी पर लगाम लगाने के लिए उन लोगों पर शिकायत दर्ज की हैं. जिन्होंने व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से जवान की पायरेटेड सामग्री शेयर की है. बताया गया कि ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं.
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Red Chillies Entertainment: देश भर के सिनेमाघरों में शाहरुख खान की फिल्म जवान की जबरदस्त धूम मची हुई है. लेकिन इन सबके बीच फिल्म की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से पायरेटेड सामग्री भी धड़ल्ले से शेयर हो रही हैं. इस मामले से निपटने के लिए रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने सख्त कदम उठाया है. व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर क्लिप साझा करने या अपलोड करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त रेड चिलीज एंटरटेनमेंट अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और मामला दर्ज कराया है. जानकारी के मुताबिक प्रोडक्शन हाउस ने इसके लिए एंटी पायरेसी एजेंसियों को हायर किया है जो ऐसे लोगों या ग्रुप्स को आक्रामक तरीके से ट्रैक करके उनके ऊपर कार्रवाई कर सके.
सांताक्रूज में मामला दर्ज
दरअसल, बताया जा रहा है कि कई प्लेटफॉर्म्स पर शाहरुख खान की फिल्म की पायरेटेड कॉपी शेयर की जा रही हैं. इसी को देखते हुए रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने यह कदम उठाया है. प्रोडक्शन हाउस ने आज मुंबई के सांताक्रूज पश्चिम पुलिस स्टेशन में पायरेसी में लिप्त लोगों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई है. प्रोडक्शन हाउस के हवाले से बताया गया है कि पहले ही कई प्लेटफॉर्म्स पर लोगों द्वारा चलाए जा रहे पायरेटेड खातों का पता लगा लिया गया है. और फिल्म की पायरेटेड सामग्री जारी करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जा रही है.
पैसों के लिए ऐसा कर रहे लोग
प्रोडक्शन हाउस ने पाया है कि पायरेटेड सामग्री को शेयर करना गैरकानूनी है और इसे उन लोगों द्वारा चुराया गया था जो पैसों के इसे अवैध रूप से शेयर कर रहे हैं. यह एक गैरकानूनी अपराध है इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का निर्णय लिया गया है. पायरेसी एक बड़ा मुद्दा है जिसका सामना फिल्म उद्योग बड़े पैमाने पर कर रहा है. या फिल्म से जुड़े हजारों लोगों की कड़ी मेहनत को कमजोर करता है.
बौद्धिक संपदा का उल्लंघन
बता दें कि इस साल की शुरुआत में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले में लीक हुए वीडियो और फिल्म की पायरेटेड प्रतियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक प्रोडक्शन हाउस के पक्ष में आदेश दिया था. अवैध रूप से रिकॉर्डिंग और लीक करने के ऐसे कृत्य धोखाधड़ी, चोरी और बौद्धिक संपदा का उल्लंघन हैं.