Ranthambore National Park: राजस्थान का रणथंभौर नेशनल पार्क बाघों की बड़ी संख्या और प्राकृतिक वातावरण के लिए दुनियाभर में मशहूर है. अब बाघों के रहस्यमयी ढंग से गायब होने को लेकर चर्चा में है.
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Ranthambore National Park: राजस्थान का रणथंभौर नेशनल पार्क बाघों की बड़ी संख्या और प्राकृतिक वातावरण के लिए दुनियाभर में मशहूर है. अब बाघों के रहस्यमयी ढंग से गायब होने को लेकर चर्चा में है. पिछले एक साल में पार्क से 25 बाघों का अचानक लापता होना वन्यजीव सुरक्षा और मॉनिटरिंग के गंभीर मुद्दों को उजागर करता है. आइए इस मामले को विस्तार से जानते हैं.
बाघों की संख्या में रहस्यमयी कमी
रणथंभौर नेशनल पार्क में जून 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 80 बाघ-बाघिन मौजूद थे. लेकिन पिछले एक साल में पार्क से 25 बाघों का कोई अता-पता नहीं है. हाल ही में जारी टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि 11 बाघों का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है, जबकि अन्य 14 बाघों की भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
वन विभाग की जांच कमेटी का गठन
बाघों की इस रहस्यमयी गुमशुदगी को लेकर वन विभाग ने एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. राजस्थान के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने निर्देश दिए हैं कि यह कमेटी आगामी दो महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस में सौंपेगी. यह जांच कमेटी बाघों के गायब होने के कारणों की विस्तृत पड़ताल करेगी.
वन विभाग की मॉनिटरिंग पर सवाल
बाघों के गायब होने से वन विभाग की मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं. पहले भी रणथंभौर में टाइगर्स की मौतें होती रही हैं, जिनमें से कई मामलों में वन विभाग बाघों के शवों को खोजने में असफल रहा. इससे विभाग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं. इस दौरान, जनवरी 2023 से जनवरी 2024 के बीच 11 बाघों की मौतें भी दर्ज की गई हैं.
लापरवाही और बाघों के शिकार का शक
बाघों के गायब होने पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये बाघ शिकार का शिकार हो गए हैं, या फिर इसमें रणथंभौर के कर्मचारियों की लापरवाही शामिल है? इसके अलावा, एक मामले में एक बाघ की मौत ट्रैंकुलाइजर के ओवरडोज से हुई थी, जो विभाग की बड़ी लापरवाही मानी गई.
देशभर में सबसे प्राकृतिक टाइगर स्पेस पर खतरा
रणथंभौर देश के 55 टाइगर रिजर्व में से एक ऐसा स्थान है, जिसे बाघों के लिए सबसे नेचुरल स्पेस माना जाता है. ऐसे में यहां 25 बाघों का गायब होना बेहद चिंता का विषय है. नेचर गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह और नेचर गाइड रफीक मोहम्मद ने भी इस विषय पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस रहस्य को सुलझाना वन विभाग के लिए एक चुनौती है.
वन्यजीव संरक्षण पर सवाल
यह मामला केवल रणथंभौर या राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में वन्यजीव संरक्षण पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है. वन विभाग की लापरवाही और सुरक्षा में आई कमी के कारण देश के अन्य टाइगर रिजर्व पर भी इसका असर पड़ सकता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह संकट और गहराता जा सकता है.