Indian Army Martyrdom: ठंड का सीजन आते ही घाटी में आतंकी गतिविधियों तेज हो गई हैं. नापाक आतंकियों के अंजाम के लिए सेना भी तैयार है. अकेले नवंबर के ही महीने में कई एनकाउंटर्स हो गए हैं. इन सब के बीच 5 परिवारों की शहादत से पूरा देश दुखी है.
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Rajouri Encounter: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राजौरी में आतंकियों के साथ लगातार दो दिनों तक मुठभेड़ चली. इस मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन समेत पांच जवान शहीद हो गए. आज इन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इधर, शहीदों के घर का माहौल देखकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे. कुछ दिनों पहले तक आगरा में अपने भाइयों के कंधे पर बैठकर जन्मदिन का जश्न मनाने वाले कैप्टन शुभम गुप्ता (Captain Shubham Gupta) अब इन्हीं कंधों में अपने जीवन का आखिर सफर करेंगे. वहीं, अलीगढ़ में शहीद सचिन के परिवार की आंखों से भी आंसू नहीं रुक रहे हैं. उन्हें अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि उनका लाडला बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.
शहीद हुए 3 छोटे-छोटे बच्चों के पिता
कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले कैप्टन प्रांजल भी महज 29 साल की उम्र में शहीद हो गए. उनके घर में भी सन्नाटा है. राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान नाइन पैरा कमांडो में तैनात हवलदार अब्दुल मजीद भी शहीद हुए. शहीद अब्दुल मजीद के 3 छोटे-छोटे बच्चे हैं जो पिता की तस्वीर लिए अपने आंगन में मायूस बैठे हैं.
बर्थडे के दिन भाइयों ने कंधे पर बैठाया था
राजौरी में शहीद हुए जवान अब इस दुनिया में नहीं हैं. मगर उनकी यादें आज भी उनके अपनों के बीच जिंदा है. शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के जन्मदिन का एक पुराना वीडियो मिला है, जिसमें उनके दोस्त और भाई मिलकर उन्हें कंधे पर बैठाए हुए हैं. मगर अब उनके भाई की शहादत हो गई. इधर पैराट्रूपर सचिन लॉर के घर पर चीख-पुकार मची है. उनके परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, हवलदार अब्दुल माजिद के परिवार और पड़ोसियों को उनके ऊपर गर्व है.
राजौरी मुठभेड़ में कौन-कौन शहीद हुआ?
दरअसल, बुधवार को राजौरी के बाजीमाल में हुई मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन समेत पांच जवान शहीद हो गए. इनमें आगरा के रहने वाले कैप्टन शुभम गुप्ता, कर्नाटक के मैंगलोर से ताल्लुक रखने वाले कैप्टन एमवी प्रांजल, पुंछ के हवलदार अब्दुल माजिद, नैनीताल के रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट और अलीगढ़ के रहने वाले पैराट्रूपर सचिन लॉर का नाम शामिल है.
आतंकियों का पनाहगाह है पाकिस्तान
अपनी मातृभूमि के लिए इन जवानों ने प्राण की आहुति दी है. मुठभेड़ में जिन आंतकियों को मारा गया है वो इतने खूंखार थे कि उनका खात्मा बेहद जरूरी था. ये पूरी दुनिया जानती है कि कश्मीर में आतंकियों का पनाहगाह पाकिस्तान है. और यही बात आज सेना ने भी दोहराई और बताया कि इन आतंकियों का खात्मा पाकिस्तान के लिए कितना बड़ा सेटबैक है.
सभी शहीदों को आज श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि देने के लिए जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा भी जम्मू के मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचे थे. आज ये 5 सपूत इस दुनिया में नहीं हैं. बस इसी खबर के बाद से ही इनके परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीदों के घर से अलग-अलग तरह की तस्वीरें आ रही हैं.
एक तरफ जहां कैप्टन शुभम के घर में रिश्तेदारों का जमावड़ा था तो वहीं कैप्टन एमवी प्रांजल के घर में सन्नाटा था. पूंछ में भी हवलदार अब्दुल माजिद के परिवार की आंखों में आंसू हैं तो अलीगढ़ में पैराट्रूपर सचिन लॉर का परिवार भी गम में डूबा है.
कैप्टन शुभम राजौरी में हुए आंतकी मुठभेड़ में शहीद हो गए. किसी परिवार का नौजवान बेटा जब दुनिया से चला जाता है तब क्या होता है. ये बताने की हमें जरूरत नहीं. आज पूरा देश उस नौजवान की शहादत पर गर्व महसूस कर रहा है. शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के पिता बसंत गुप्ता ने कहा कि दिसंबर में मेजर होने वाला था. मुझे फक्र था. उस पर वर्दी में देखकर सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था.
शहीद अब्दुल की शहादत की खबर मिलते ही उनके गांव में मातम पसरा है. सिर्फ शहीदों का परिवार नहीं, राजनीतिक पार्टियां भी बदला लेने की मांग कर रही हैं. बीजेपी नेता रवींद्र रैना ने आतंकियों से हिसाब बराबर करने की बात कही.