अब इस रेल मार्ग पर ब्रॉडगेज लाइन पर ट्रेन दौड़ेगी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब रेलवे ने मावली-बड़ीसादड़ी मीटर गेज रेल लाइन को उखाड़ने का मानस बना लिया था.
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Vallabhanagar: मावली-बड़ीसादड़ी रेलवे लाइन अब नए रूप में सामने आ गई है. अब इस रेल मार्ग पर ब्रॉडगेज लाइन पर ट्रेन दौड़ेगी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब रेलवे ने मावली-बड़ीसादड़ी मीटर गेज रेल लाइन को उखाड़ने का मानस बना लिया था. हालांकि इस दौरान रघुनाथ सिंह राठौड़ स्थगन आदेश लेकर आ गए, उसके बाद रेल लाइन को बचाने के लिए लोगों ने लंबा संघर्ष किया. उनके उस संघर्ष का ही परिणाम है कि आज मीटर गेज लाईन ब्रॉडगेज में बदल गई है.
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दरअसल रियासत काल में वर्ष 1945 में मीटरगेज लाइन पर शुरू हुई थी. मावली-बड़ीसादड़ी ट्रेन का सफर 31 अक्टूबर 2016 को थम था और करीब 6 वर्ष निर्माण कार्य के बाद तैयार हुए ब्रॉडगेज लाइन पर 31 जुलाई 2022 से इस ट्रेन का नया सफर शुरू होगा, लेकिन इस सफर में एक समय वर्ष 1984 ऐसा भी आया कि जब रेलवे विभाग घाटे की रेल लाइन बताकर इसे हटाने की तैयारी कर दी थी, लेकिन उस समय भीण्डर के रघुनाथ सिंह राठौड़ और बड़ीसादड़ी के शांतिलाल मेहता स्थगन आदेश लाकर इस रेल लाइन को बचाया था, जिसके बाद संघर्ष समितियों के माध्यम से लगातार संघर्ष जारी रहा और पुनः रेल संचालित हुई और वर्ष 2016 तक लगातार संचालित होती रही. हालांकि स्थगन आदेश लाने वाले रघुनाथसिंह राठौड़ का वर्ष 2011 में निधन हो गया, लेकिन उन्होंने जो सपना देखकर रेल लाइन हटने से बचाई थी वो अबसाकार होता दिख रहा है.
रियायत काल से 21वीं सदी का सफर
पश्चिमी रेलवे अजमेर बोर्ड में वर्ष 1985-87 में सदस्य रहे पूर्व प्रधान करण सिंह कोठारी ने बताया कि मेवाड़ रियासत द्वारा वर्ष 1944 में मावली से नीमच तक रेल मार्ग से जोड़ने की योजना के साथ काम शुरु हुआ. इसके पहले चरण में मावली से खेरोदा, दूसरे चरण में भीण्डर-कानोड़ और तीसरे चरण में बड़ीसादड़ी तक रेललाइन बिछाई गई, जिसके बाद 1945 से इस लाइन पर रेल शुरु हुई. हालांकि इस रेललाइन को नीमच तक जोड़ना था, लेकिन आजादी के बाद रियासत काल समाप्त होने से नीमच तक जोड़ने की योजना प्रभावी नहीं हो सकी.
घाटे की रेल बता, उखड़ने वाली थी लाइन
वर्ष 1984 में रेलवे ने आर्थिक स्थिति से कमजोर रेल मार्ग बताते हुए इसको बंद करने के आदेश जारी कर दिए, जिस पर बड़ीसादड़ी के वकील शांतिलाल मेहता स्थगन आदेश लेकर आएं लेकिन वो आदेश खारिज हो गया, जिस पर विभाग रेललाइन हटाने की शुरूआत करने वाला ही था कि भीण्डर निवासी तत्कालीन विकास अधिकारी रघुनाथ सिंह राठौड़ ने कानोड़ न्यायालय से स्थगन आदेश लाकर बंद होने वाली रेल को पुनः शुरू करवाया. इसके बाद संघर्ष समितियां बनी और इस रेल लाइन को बचाने व नीमच तक जोड़ने के लिए कई आन्दोलन करते रहें, जिससे ये रेल लगातार जारी रही. वर्ष 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार में मावली-बड़ीसादड़ी मीटरगेट से ब्रोडगेज लाइन करने की घोषणा हुई, जिस पर तत्कालीन चित्तौड़गढ़ सांसद और केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने मावली में शिलान्यास किया था लेकिन बजट की कमी के चलते काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया. इसके बाद सरकार बदलने के बाद एनडीए सरकार में वर्तमान चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी ने इस काम को रफ्तार देने के लिए सरकार से बजट में बढ़ोत्तरी करवाने के प्रयास शुरू किए और उन्होंने वित्तीय स्वीकृति जारी करवाई. इस रेल लाइन को ब्रॉडगेज में बदलवाया.
ठिकानों को जोड़ने के लिए बनी थी रेल लाइन
मेवाड़ रियासत द्वारा भीण्डर, कानोड़, बांसी, बोहेड़ा, बड़ीसादड़ी ठिकानों को जोड़ने के लिए रेल लाइन बिछाई थी. मेवाड़ रियासत का उद्देश्य मेवाड़ को मालवा से जोड़ने का था, लेकिन आजादी तक केवल बड़ीसादड़ी तक ही पहुंच सकी. उसके बाद सरकारों ने इस और ध्यान नहीं दिया, लेकिन वर्तमान एनडीए सरकार में सांसद सीपी जोशी के प्रयास से नीमच तक लाइन स्वीकृत करवाने के प्रयास में लगे रहे, जिससे वर्तमान में रेल लाइन बनाने के लिए जमीन अवाप्ति का काम शुरू हो चूका है.
Reporter: Avinash Jagnawat