Tonk News: कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपने बाद भी नहीं हो रही सुनवाई, धरने पर बैठने को मजबूर किसान
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Tonk News: कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपने बाद भी नहीं हो रही सुनवाई, धरने पर बैठने को मजबूर किसान

Tonk News: टोंक जिले में ईसरदा बांध के डूब क्षेत्र के किसान बांध निर्माण के लिए खेतों से मिट्टी उठाने के विरोध में धरना दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि समझौते के बाद भी किसानों को परेशान किया जा रहा है. 

Tonk Farmers Protest Zee Rajasthan

Rajasthan News: टोंक जिले में ईसरदा बांध के डूब क्षेत्र के किसान एक बार फिर आंदोलित हो गए हैं. किसानों ने अब बांध निर्माण के लिए खेतों से मिट्टी उठाने के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. रातभर किसान टेंट लगाकर शीतलहर के बीच के धरने पर बैठे रहे. किसान नेता रामेश्वर चौधरी ने बताया कि ईआरसीपी परियोजना में निर्मित ईसरदा बांध डूब क्षेत्र किसानों के खेतों में से मिट्टी उठाने की तैयारियां को देखते हुए किसानों में आक्रोश है. इसको लेकर नायब तहसीलदार बनेठा हंसराज मीणा को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. 

समझौते के बाद भी किसानों को किया जा रहा परेशान 
किसान नेता रामेश्वर चौधरी ने बताया कि लगातार पिछले कई महीनों से जिला प्रशासन एवं किसानों के मध्य तीन दौर की वार्ताएं हो चुकी है, जिसमें कहा गया है कि जब तक पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन नहीं होगा, तब तक उनकी किसी भी प्रकार की संपत्ति को खुर्द-बुर्द नहीं किया जाएगा. इसके उपरांत इस ईसरदा बांध परियोजना के ठेकेदार द्वारा किसानों के खेतों में से मिट्टी उठाने को लेकर मशीन चलाने को बोला जा रहा है,  जिससे किसानों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है. इसलिए अब किसान ने गांव के बाहर धरना-प्रदर्शन आरम्भ कर दिया है. 

लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी 
किसानों का कहना है कि 400 बीघा जमीन चरागाह भूमि होने के उसके उपरांत भी किसानों को जानबुझकर परेशान किया जा रहा है. यदि जिला कलेक्टर द्वारा इन्हें तत्काल नहीं रोका गया, तो 37 गांवों के अंदर फिर आंदोलन की चिंगारी उत्पन्न होगी और वह अनिश्चितकालीन के लिए ही होगी. 25 जनवरी, 20 फरवरी, 21 फरवरी को जिला कलेक्टर, अतिरिक्त कलेक्टर से समझौता होने के उपरांत भी किसानों के पक्ष में कोई कार्रवाई नहीं हुई तथा किसान के विरूद्ध कार्रवाई हो रहीं है. किसानों का कहना है कि प्रशासन द्वारा दमनकारी नीतियां अपनाई गई, तो 37 गांव में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव का बहिष्कार का आगाज किया जाएगा. इसके सहयोग में संपूर्ण टोंक जिले के किसानों से भी हम अपील करेंगे. ईसरदा डुब किसानों के साथ अन्याय को लेकर हम उनके साथ हमदर्दी रखेंगे. साथ ही वोट की चोट के आधार पर किसानों का साथ दें एवं 37 गांवों के किसानों को न्याय नहीं मिला, तो वोट नहीं के आधार पर जिले भर में मीटिंगों का आयोजन किया जाएगा.

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