जिले में यूरिया खाद की किल्लत के कारण सरसों की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है. खाद नहीं मिलने से अभी तक फसलों में यूरिया खाद नहीं डाला जा सका है और सिंचाई प्रभावित हो रही है. जिले के कई कस्बों में इन दिनों यूरिया खाद को लेकर मारामारी देखने को मिल रही है.
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टोंक: जिले में यूरिया खाद की किल्लत के कारण सरसों की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है. खाद नहीं मिलने से अभी तक फसलों में यूरिया खाद नहीं डाला जा सका है और सिंचाई प्रभावित हो रही है. जिले के कई कस्बों में इन दिनों यूरिया खाद को लेकर मारामारी देखने को मिल रही है. किसानों को किसी दुकान पर यूरिया का ट्रक पहुंचने की सूचना मिलती है तो यहां सुबह से ही हजारों किसान खाद लेने के लिए उमड़ पड़ते हैं और टोकन लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी नजर आती हैं.
जिले में शहर से लेकर गांव तक बस कुछ हालात इस तरह के है कि धरतीपुत्रों को जमीन में फसल की बुवाई के लिए यूरिया खाद के लिए सुबह से शाम तक भूखे प्यासे कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है.तो वहीं बिगड़ते हालातों को सम्भालने के लिए पुलिस के अधिकारियों और जवानों को भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
हालात सामान्य करने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज
कई जगह लाठियां भांजनी पड़ रही है तो कही जगह खुद अधिकारियों को खड़े रहकर खाद का वितरण करवाया जा रहा है.देवली के दूनी और निवाई के पीपलू में जहां हाइवे और स्टेट पर पीड़ित किसान जाम तक कर चुके है, लेकिन आज भी इनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. फिर चाहे सांसद सुखबीर सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री से दिल्ली में मुलाकात कर मांग उठाई हो या फिर विधायक सचिन पायलट ने सूबे के कृषि मंत्री के साथ मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखी हो. असर धरातल पर किसी का नजर नहीं आया है.
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जिले के सभी तहसीलों में खाद संकट
यह धरतीपुत्रों की तस्वीरे जिले के उनियारा,निवाई,देवली,टोडारायसिंह और मालपुरा के साथ जिला मुख्यालय की है.जहां खाद के कट्टों को लिए उमड़ी यह धरतीपुत्रों की भीड़ सब कुछ बयान कर रही है. यह हाल घाड़ कस्बे में शनिवार को सुबह 5 बजे का है, जहां थाना परिसर में यूरिया खाद लेने के लिए किसानों की कतारें लगी हुई है. यहां करीब एक हजार से ज्यादा लोग लाइन में टोकन लेने के लिए खड़े हैं और इनकी संख्या और बढ़ेगी. घाड़ कस्बे में खाद के 700 कट्टे आए हैं, ऐसे में यहां आधे से ज्यादा किसानों को खाली हाथ जाना पड़ेगा.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 6 पुलिसकर्मी तैनात
घाड़ थानाधिकारी राधाकिशन मीणा ने बताया कि शांति से यूरिया खाद के टोकन कटवाने की व्यवस्था थानेा परिसर में की गई है. किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 6 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि कृषि विभाग के भी तीन कर्मचारी टोकन देने मे लगे हुए हैं. मीणा ने बताया कि यूरिया खाद के टोकन लेने के लिए किसान सुबह करीब 5 बजे से ही यहां पहुंचने लग गए. ऐसे में उनको 3 लाइन में लगाया गया है. डिमांड के मुकाबले आधा यूरिया भी नहीं आया
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राधेश्याम मीणा ने बताया कि जिले में इस महीने करीब 15 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद की डिमांड है. इसके मुकाबले अब तक करीब 6 हजार मीट्रिक टन ही सप्लाई हुआ है. इन दिनों सरसों फसल की सिंचाई से पहले ज्यादा यूरिया खाद की ज्यादा डिमांड रहती है, ऐसे में इसी माह सबसे ज्यादा यूरिया खाद की डिमांड रखी है. फिलहाल रोजाना 500 टन यूरिया बांट रहे हैं.
2 लाख 91 हजार 110 हेक्टेयर में सरसों की बुवाई
बता दें कि इस साल औसत बारिश 606.87 एमएम से करीब 30 प्रतिशत होने से जिले के अधिकांश बांध और तालाब भर गए हैं. फसलों में सिंचाई के पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने से इस साल रबी की फसलों की बुवाई भी तेजी से हो रही है. रबी फसल का लक्ष्य 4 लाख 60 हजार हेक्टेयर है, जिसके मुकाबले अभी तक 3 लाख 54 हजार 985 हेक्टेयर हो गई है. इसमें सबसे ज्यादा बुवाई सरसों की 2 लाख 91 हजार 110 हेक्टेयर में हो गई है. इसका बुवाई का लक्ष्य 2 लाख 92 हजार हेक्टेयर है. कई जगह तो सरसों की फसल 1 महीने से अधिक की हो गई है. अब इसकी सिंचाई शुरू हो गई है, लेकिन यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने से सिंचाई करने में देरी हो रही है.
REPORTER-PURUSHOTTAM JOSHI