सूरतगढ़: बाईपास की मांग ने पकड़ा जोर, बनने के बाद ही यातायात अव्यवस्था से मिलेगी निजात
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सूरतगढ़: बाईपास की मांग ने पकड़ा जोर, बनने के बाद ही यातायात अव्यवस्था से मिलेगी निजात

Demand for Bypass: जैतसर कस्बे में प्रवेश को लेकर एक ही मार्ग होने से अक्सर मुख्य बाजार में जाम की स्थिति रहती है. यातायात अव्यवस्थाओं और अन्य परेशानियों से निजात पाने के लिए बाईपास का निर्माण जरुरी हो गया है.

यातायात अव्यवस्था से मिलेगी निजात

Suratgarh: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के जैतसर कस्बे में प्रवेश को लेकर एक ही मार्ग होने से अक्सर मुख्य बाजार में जाम की स्थिति रहती है. एक बार फिर ग्रामीणों ने सीएलजी की बैठक में बाईपास बनाने की मांग दोहराई है. नागरिकों की इसी मांग को ध्यान में रखते हुए अनेक संगठनों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भी बाईपास बनाने की मांग को जायज बताते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखकर शीध्र कार्रवाई की मांग की है. 

व्यापार मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह बिट्टू ने बताया कि यातायात अव्यवस्थाओं और अन्य परेशानियों से निजात पाने के लिए बाईपास का निर्माण जरुरी हो गया है. पंचायत समिति के पूर्व प्रधान हरिराम मेघवाल ने बताया कि इस हेतु भूमि भी देखी गई है. राजकीय छात्रावास या एक जीबी के पास से इस बाईपास को निकालने के लिए ग्राम पंचायत ने जगह भी चिन्हित कर रखी है. 

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बाईपास को रायसिहनगर सड़क मार्ग पर खोलने के लिए अनेक बार व्यापार मंडल और अन्य स्वयंसेवी संगठनों की बैठक भी आहूत की जा चुकी है. बाईपास के लिए अधिकतर नागरिकों ने छात्रावास और 1 जीबी के पास की जगह को ही सही माना है.

क्यों जरूरी है बाईपास
सूरतगढ-अनूपगढ सड़क के स्टेट हाइवे बनने के बाद जैतसर पांच की पुली सड़क मार्ग पर पर्याप्त यातायात के साधन संचालित हो रहे है. एशिया के दूसरे बडे जैतसर फार्म में अक्सर बडे़ वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. तीन बडी कॉटन मील और ऑयल मील के कारण भी यहां से माल की ढुलाई होती रहती है. नरमा, गेहूं और धान की पैदावार अधिक होने के कारण बडे वाहनों का आना-जाना इसी मार्ग से होता है. कस्बे में प्रवेश करने के लिए रेलवे फाटक पार करना पड़ता है. रेलवे का ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज इस मार्ग पर नहीं बनने के कारण बाईपास की आवश्यकता अधिक दिखाई दे रही है.

इन गांवों को मिलेगा फायदा
बाईपास के बाद मंडी क्षेत्र के गांव बुगिया, 4 एलसी, 3 एलसी, मघेवाली ढाणी, मसानीवाला, 7 एलसी, 3 जेएसडी गांवों के ग्रामीण सीधे सूरतगढ अनूपगढ सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे. वर्तमान में इन गांवों के ग्रामीणों को 2 किलोमीटर घूमकर इस सड़क मार्ग पर जाना पड़ता है. सबसे बडा फायदा जैतसर और सरूपसर कृषि फार्म को प्राप्त होगा. फार्म से निकलने वाले बडे़ वाहन बाहरी मार्ग से गंतव्य की ओर रवाना हो जाएंगे. बाईपास बनने के बाद गांधी चौक पर जाम की स्थिति से ग्रामीणों को निजात मिल जाएगी.

Reporter: Kuldeep Goyal

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