Rajasthan News: 16 दिसंबर वर्ष 2000 में 5 वर्ष की आयु में घर से लापता हुआ दीपक बावरी आखिरकार 24 साल बाद अपने परिजनों को मिल गया है. सालों बाद अपने बेटे को देख न सिर्फ उसके माता पिता बल्कि दीपू की चचेरी बहन पूर्व विधायक सोना देवी बावरी की भी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है.
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Sri Ganganagar News: 24 साल से घर से लापता परिवार का चिराग आखिरकार घर लौटा, तो परिजनों के आंख से आंसू छलक पड़े. पांच साल की उम्र में अपनी मां से बिछड़े दीपक बावरी दीपू को 24 साल बाद मां के नाम ने ही अपने माता पिता और परिजनों से मिला दिया. 24 साल पूर्व गुम हुआ पांच साल का दीपू आखिरकार गुरुवार को माता पिता को अपना बिछड़ा बेटा मिल ही गया. मां ने अपने बेटे को गले लगा लिया और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे. पूरा माहौल बेहद भावुक हो गया.
बंधुआ मजदूर की तरह काम करता हुआ मिला बेटा
मामला राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर का है. मिली जानकारी के अनुसार, 16 दिसंबर 2000 को 5 वर्ष का दीपू लापता हो गया था जो पूर्व विधायक सोना देवी बावरी का चचेरा भाई है. बहुत ढूंढने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला. परिजनों ने दीपू के मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन 22 फरवरी 2024 ( गुरुवार ) को को एक बहुत बड़ा करिशमा हुआ. 24 साल पहले लापता हुआ दीपू संगरिया के नजदीक ईंट भट्टे पर बंधुआ मजदूर की तरह काम करता हुआ सकुशल मिला. उसे देख परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.
पूर्व विधायक सोना देवी बावरी का चचेरा भाई
वर्तमान में दीपू की उम्र करीब 28 वर्ष की हो गई है. दीपू पूर्व विधायक सोना देवी बावरी का चचेरा भाई है. 2018 में विधानसभा में इस लापता बालक के सम्बंध में मुद्दा भी उठाया था और अपने भाई को याद कर वह फूट फूट कर रो पड़ी थी. इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर तलाश जारी रखी. जैसी ही अपने भाई से मिली, तो पूर्व विधायक फूट फूट कर रोने लगी. परिजनों ने बताया कि दीपू के बचपन में साइकिल से एक पैर पर चोट लगी थी. वह भी उसके पहचान का जरिया बना.
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