सीकर जिले में 16 साल बाद ऐसी ठंड, फसलें हो गई नष्ट,किसान मांग रहे मुआवजा
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सीकर जिले में 16 साल बाद ऐसी ठंड, फसलें हो गई नष्ट,किसान मांग रहे मुआवजा

सीकर जिले में 16 साल बाद ऐसी ठंड पड़ी है कि किसानों की फसलें हो नष्ट हो गईं है. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

सीकर जिले में 16 साल बाद ऐसी ठंड, फसलें हो गई नष्ट,किसान मांग रहे मुआवजा

Sikar: सीकर जिले में इस बार सर्दी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. करीब 16 साल बाद सीकर जिले में तापमान -4 डिग्री से भी नीचे चला गया. कड़ाके की सर्दी का जहां लोगों को तो एहसास हुआ ही है वहीं इस कड़ाके की सर्दी ने सीकर जिले में किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है. ज्यादा सर्दी पड़ने और पाला पड़ने से सीकर जिले में किसानों की फसलें खराब हो चुकी है.

पिछले दिनों सीकर जिले में कड़ाके की सर्दी ने जनजीवन को प्रभावित किया तो किसानों के माथे पर फसल खराबे को लेकर चिंता बढ़ा दी. तापमान माइनस में जाने से फसलों पर बर्फ जम गई. जिससे फसल खराब हो गई.अंदाज के मुताबिक सीकर जिले में पाला पड़ने से 70 हजार हेक्टेयर में लगी फसल खराब हो चुकी है. अब जिले के किसान फसल खराबे के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. सरकार ने विशेष गिरदावरी करवाने के लिए आदेश जारी किए हैं.

किसान गोविंद पटेल ने बताया कि इस बार सीकर जिले में कड़ाके की सर्दी पड़ने से सरसों चना जो समेत गेहूं औरसब्जी की फसलों पर इसका फर्क पड़ा है. सबसे ज्यादा असर तो सरसों की फसल पर हुआ है.पाला पड़ने से सरसों की फसल खराब हुई है. फसल पर कहीं जलने जैसा कुछ हो गया तो कहीं फसल की ग्रोथ होना बंद हो चुकी है. इस सीजन में फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

किसान योगेश जाखड़ ने बताया कि इस सीजन में तो खेतों में फसलों पर बर्फ जमी हुई देखने को मिल रही है. हर बार जहां सरसों गेहूं की फसल 4 से 5 फुट ऊपर होती है वहीं इस बार वह है केवल 2 से 3 फीट ही ऊपर हुई है. इसके अलावा कुछ फसलों को तो भारी नुकसान हुआ है.

सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि सीकर जिले में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ी है. फसल खराबे को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार किसानों के साथ है. हमने अधिकारियों को लेटर लिखकर राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी करवाकर रिपोर्ट तैयार करें और किसानों को मुआवजा मिले. सीकर एडीएम राकेश कुमार ने बताया कि फसल खराबे की विशेष गिरदावरी के लिए राज्य सरकार से निर्देश मिला हुआ है. फील्ड से जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर रिपोर्ट आगे भेजी जाएगी.

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