Sikar news: सीकर आने पर सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं ने किया पुनिया का जोरदार स्वागत किया. पुनिया ने विधान सभा चुनाव को लेकर और केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर कार्यकर्ताओं से चर्चा भी की है. और गहलोत सरकार पर भी निसाना साधा है.
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Sikar news: सीकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष विधानसभा सतीश पूनिया एक दिवसीय दौरे पर सीकर आए. सीकर आने पर सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं ने सतीश पूनिया का स्वागत किया,सतीश पूनिया ने सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं से चर्चा की और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के बारे में चर्चा की और राजस्थान सरकार की जनविरोधी नीतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यकर्ताओं से चर्चा की सतीश पूनिया नवलगढ़ में मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में जाते समय सीकर रुके थे.
इस दौरान सतीश पूनिया ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार को 9 साल पूरे हुए हैं. कोई तो कहता है कि 9 साल में 9 कमाल हुए हैं लेकिन जिस तरह से देश में आजादी के बाद पहली बार राजनीतिक तौर पर एक बड़ा परिवर्तन हुआ है.आपातकाल के खिलाफ संघर्ष हुआ जिसमें जनता पार्टी का उदय हुआ है.उसके बाद श्री राम जन्मभूमि के तौर पर एक बड़ा बदलाव आया.अटल बिहारी बाजपेयी ने गठबंधन की एक सफल सरकार बनाई.
इसी सरकार ने कई अभिनव प्रयोग किए. किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पोकरण का परमाणु विस्फोट इसमें शामिल है.जिनकी वजह से ना केवल विश्व में भारत की 7 बड़ी बल्कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी मिली है.धारा 370 को खत्म करना, राम मंदिर का निर्माण और ट्रिपल तलाक यह देश के लिए क्रांतिकारी और अहम फैसले थे.पहले भारत की सेना की पहचान थ्री नोड थ्री राइफल के नाम से जानी जाती थी.आज भारत की सेना 25 देशों में हथियार सप्लाई करती है.
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400 से ज्यादा तरीके के हथियार भारत की सेना बनाती है. पूनिया ने कहा कि मुझे इन दिनों कई बार विदेशों में जाने का मौका मिला. जब मैंने वहां रहने वाले भारतीयों से बात की तो उन्होंने बताया कि पहले वह द्वयम दर्जे के नागरिक होते थे लेकिन पीएम मोदी के आने के बाद उनके पासपोर्ट की कद्र हो गई. देश में 2014 में राजनीतिक बदलाव को यदि में राजनीतिक क्रांति की उपमा दूं तो यह कोई गलत नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस का 55 साल राज रहने पर भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद, दुनिया में भारत की साख की कमी हुई.
2014 का वोट देते समय लोगों ने कहा कि यह वोट भ्रष्टाचार,अराजकता,वंशवाद के खिलाफ है. साल 2014 से 2019 तक भारत में कई बदलाव हुए. जिन्होंने ग्रासरूट के करप्शन को जनधन खाते खुलवा कर चोट पहुंचाने का काम किया. यह वह बदलाव है जो कांग्रेस ने 55 सालों में नहीं किया लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने पहले ही शासन में उन विराम कर दिया . यदि मैं राजस्थान की बात करूं तो बीती रात में एक सम्मेलन से आ रहा था. इसी दौरान मैंने एक खबर पढ़ी कि पेपर वापस से निरस्त हो गए है.
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के करतूतो और काले कारनामों में सबसे कलंकित इतिहास में कोई बात लिखी जाएगी तो वह राजस्थान के बेरोजगारों के सपने तोड़ने की लिखी जाएगी. इतने बड़े पैमाने पर पहले कभी पेपर लीक नहीं हुए. भले ही सीएम अशोक गहलोत सरकार रिपीट होने के भाषण देते हो लेकिन मुझे लगता है कि इस सरकार को राजस्थान का युवा ही डिलीट कर देगा. पूनिया ने कहा कि प्रदेश सरकार के राहत कैंप दिखावे के तौर पर सामने आए. लेकिन किसानों की कर्ज माफी के बारे में अभी तक कोई जवाब नहीं है.
अलबत्ता सरकार ने हमारे एक विधायक के प्रश्न पर जवाब दिया है कि 19422 किसानों की कर्जामाफी ना होने के कारण जमीन नीलाम हो गई. 28.3 प्रतिशत बेरोजगारी सर्वाधिक राजस्थान में है. करप्शन सर्वे ऑफ इंडिया में 78% लोगों ने यह स्वीकार किया है कि राजस्थान में काम के लिए रिश्वत देनी पड़ती है. कानून व्यवस्था की हालत यह है कि 9 लाख से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. 17 रेप और 7 मर्डर रोज हो रहे हैं. इस बार सरकार के खिलाफ जनाक्रोश है.
इसी जनाक्रोश के कारण रिपीट होना तो दूर की बात मुझे तो लगता है कि कांग्रेस पार्टी वैचारिक रूप से परमानेंट डिलीट हो जाएगी. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी केवल मन की बात करते हैं लेकिन काम की बात नहीं. तो इस पर मैं कहना चाहता हूं कि डोटासरा को ऐसा लगता होगा. लेकिन डोटासरा आंखों पर पट्टी बांधे हुए और कान में रुई ठूसे हुए हैं. उनको यदि देश में बदलाव नहीं दिखता है तो उनको उदारता से एक अच्छे राजनेता की तरह इस हकीकत को स्वीकार कर लेना चाहिए. कि उनकी पार्टी ने 55 साल राज किया लेकिन उज्जवला योजना, बैंक के खाता खोलना जैसे काम नहीं कर पाए.
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कांग्रेस को अब दूर दूर तक भविष्य दिखाई नहीं देता है ऐसे में यह उनके हताशा के बयान है. राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर बोलते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी चुनाव जीतना चाहती है. जीतने के लिए सभी एकजुट होकर काम भी कर रहे हैं. अपेक्षाकृत नौजवानों को ज्यादा अवसर मिले. लेकिन आज पार्टी में एक दर्जन से ज्यादा सीएम पद के चेहरे हैं लेकिन उनमें योग्य कौन है इसका फैसला संसदीय दल करेगा. पूनिया ने कहा कि बीते दिनों जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही थी उस दौरान मैंने एक दृश्य देखा था.
जब लाल चौक पर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी तिरंगा लहरा रहे थे. यह वही जगह थी जहां कांग्रेस के राज में नसीब नहीं था कि वहां तिरंगा फहराया जा सके. या फिर आईस स्पोर्ट्स खेले जाए. पूनिया ने कहा कि अलगाववाद, उग्रवाद बहुत लंबी समस्या है जिसके कुछ अवशेष अभी भी बचे हुए हैं. बहुत हद तक भारत की सरकार ने इसे नियंत्रित कर दिया है.सीकर में हाल ही में सीपी जोशी के दौरे के दौरान दिनेश जोशी और सुभाष महरिया द्वारा अलग-अलग सवाल करने की बात पर सतीश पूनिया ने कहा कि गुटबाजी की बात पर मैं इनकार नहीं करता.
लेकिन भारतीय जनता पार्टी का एक चरित्र है कि वह इस तरीके की कवायद पर नियंत्रण कर लेते हैं. अनुशासन भारतीय जनता पार्टी का लक्षण है. जब अवसर आता है तो सभी एक जाजम पर बैठकर फैसला करते हैं. चुनावी साल है इसलिए लोग अलग-अलग तरीके से अपनी गतिविधियां करेंगे. लेकिन यदि भाजपा की कांग्रेस संगठन से तुलना करेंगे तो हम उनसे कोसों आगे हैं. आज भारतीय जनता पार्टी 50 हजार बूथ पर सक्रिय होकर काम कर रही है. जबकि कांग्रेस का संगठन केवल बयानों में है या फिर नेताओं के घरों के इर्द-गिर्द दिखता है.
वही टिकट वितरण की बात पर सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी चुनाव जीतने वाले, योग्य और सक्षम उम्मीदवारों को टिकट देगी. चुनाव हमेशा जीतने के लिए लड़ा जाता है. प्रत्याशी चाहे बाहर का हो या भीतर का. चुनाव जीतने में पार्टी की रिपोर्ट के हिसाब से जो सक्षम होगा उसे ही टिकट संगठन देगा.
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर तंज कसते हुए कहा कि 100 यूनिट बिजली फ्री, 500 रुपए का गैस सिलेंडर या इससे जुड़े अन्य तमाम मुद्दे क्या उस अबला के आंसू पोंछ देंगे जिसके साथ बलात्कार हुआ है. जिन परिवार के सदस्य की हत्या हो रही है. उनके घर का चिराग बुझ रहा है. क्या 500 रुपए का सिलेंडर जिंदगी लौटा देगा. राजस्थान का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ है.