Neemkathana News: गणेश्वर में धुलंडी के दिन मनाया जाता है डूडू महोत्सव,इस वजह से खास है 500 साल पुरानी परंपरा
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Neemkathana News: गणेश्वर में धुलंडी के दिन मनाया जाता है डूडू महोत्सव,इस वजह से खास है 500 साल पुरानी परंपरा

Neemkathana News: नीमकाथाना के गांव गणेश्वर में धुलंडी के दिन मनाया जाता है डूडू. 500 साल पुरानी परंपरा है ये. मेले में हजारों लोग पहुंचे हैं.

 

गणेश्वर में धुलंडी के दिन मनाया जाता है डूडू महोत्सव.

Neemkathana News: सीकर के नीमकाथाना निकटवर्ती गांव गणेश्वर में होली के दूसरे दिन धुलंडी पर डुडु महोत्सव मनाया जाता है. यहां शीतला अष्टमी के दिन ग्रामीण होली खेलते हैं मान्यता है कि विक्रम संवत 1444 में रायसल जी ने उजड़े हुए गांव को गणेश्वर के रूप में बसाया था.

खुशहाली की मन्नत मांगी

 इसी दिन रायसल महाराज का राजतिलक हुआ था.इस महोत्सव के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें 25 गांवों के लोग भाग लेते हैं और रायसल महाराज की पूजा की जाती है. डूडू महोत्सव सुबह रायसल मंदिर दरबार मे लोगों ने पूजा अर्चना कर खुशहाली की मन्नत मांगी.

झांकी मुख्य मार्गों से होते हुए निकाली गई.

 मेले के दौरान झांकी और शोभायात्रा निकाली गई जिसमे हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. शोभायात्रा सालावाली और हरजनपुरा बाछड़ी से पहुंची जो मुख्य मार्गों से होते हुए निकाली गई.

अस्त्र-शस्त्र की पूजा की

शोभायात्रा पर ग्रामीणों ने जमकर पुष्प वर्षा की और ड्रोन कैमरे से भी पुष्प वर्षा की राजपूत समाज के लोगों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ रायसल महाराज के मंदिर दरबार में पहुंचे. जहां अस्त्र-शस्त्र की पूजा की. मेले में कुश्ती दंगल आयोजित हुआ जिसमें महिला पहलवानों भी भाग लिया.गणेश्वर का डुडु मेला हर वर्ष धुलंडी के दिन ही भरता है. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के लिए सदर पुलिस भी तैनात रही.

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