Bamanwas, Sawai Madhopur News: 7 साल अपने घरवालों से बिछड़ कर जब एक युवक अपने परिजनों से मिला तो फूट-फूटकर रोने लगा. जानें पूरी कहानी.
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Bamanwas, Sawai Madhopur News: 7 साल अपने घरवालों से बिछड़ कर जब एक युवक अपने परिजनों से मिला तो भावुकता का वह दृश्य हर किसी की आंखें नम कर देने वाला था. दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के कुर्वा खुर्द निवासी सागर कमल 7 साल पहले आगरा से लापता हो गया था, जिसे बौंली के रवासा निवासी शारीरिक शिक्षक देवराज पोसवाल ने कठिन प्रयासों के बाद अपने परिजनों से मिलाया. यह पूरा वाकया किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.
दरअसल, देवराज पोसवाल टोंक जिले में शारीरिक शिक्षक की नौकरी करता है जो छुट्टियों में अपने गांव आया हुआ था. 3 दिन पहले उसे नर्सरी के पास एक मानसिक रूप से कमजोर युवक मिला, जिसने लगभग 5 जोड़ी कपड़े एक साथ पहन रखे थे और काफी बड़े-बड़े बाल थे.
जानकारी के अनुसार, काफी दिनों से वह युवक क्षेत्र में ही घूम रहा था और छोटा-मोटा काम करके अपना जीवन चल रहा था.सब लोग उसका मजाक बना रहे थे लेकिन देवराज पोसवाल ने मानवता का परिचय दिया और उससे बातचीत की. बातचीत में युवक ने अपना नाम सागर कमल बताया. पिता का नाम जयराम कमल और माता लक्ष्मी देवी बताया, जो कुर्वा खुर्द कानपुर देहात यूपी के निवासी है.
युवक ने बताया कि 7 साल पहले वह गांव से आगरा गया था, उसके पिताजी उसे अस्पताल दिखाने गए थे लेकिन वह वहां बिछड़ गया और देश के कई राज्यों में भटकता रहा लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली.
देवराज पोसवाल उसे नर्सरी के समीप सुनील मंगल के प्लांट पर लेकर गया. उसे अच्छे से नहलाया और उसकी कटिंग करवाई और तीन दिन उसे रवासा गांव स्थित अपने कृषि फार्म पर रखा. जहां उसका अच्छे से भरण-पोषण किया गया. इन तीन दिनों के अंतराल में देवराज ने अपने संपर्क सूत्रों व सोशल मीडिया का लाभ उठाते हुए कानपुर एसपी ऑफिस तक मामले को पहुंचाया और अंततः कल सुबह सागर के परिजनों का देवराज से संपर्क हो सका.
सारे दस्तावेज लेकर सागर की मां लक्ष्मी देवी, सगा भाई सूरज व अन्य तीन-चार परिजन बौली पहुंचे. दस्तावेज मिलान करने के बाद सागर को अपने परिजनों के सुपुर्द किया गया. 7 साल बाद एक मां जब अपने बेटे से मिली तो उसका रुदन फूट पड़ा और पूरा परिवार खुशी के आंसू लिए देवराज पोसवाल का आभार व्यक्त करने लगा. उसके बाद सागर के परिजन उसे लेकर जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुए, जहां से वह आज सुबह अपने गांव पहुंचे.
गांव वाले भी इस पूरे घटनाक्रम को ईश्वरीय कृपा मान रहे हैं. देवराज पोसवाल ने बताया कि सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्य करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है. ऐसे में यूट्यूब चैनल व अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से इस प्रकार के बच्चों के लिए वह एक मुहिम चलने जा रहे हैं, जिसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाएगा. साथ ही अपने परिवार से बिछड़े हुए ऐसे बच्चे जो अपने घर परिवार का पता जानते हैं उन्हें सकुशल अपने परिवारजनों तक पहुंचाया जाएगा. देवराज पोसवाल के उत्कृष्ट कार्य की क्षेत्रीय लोगों ने प्रशंसा की है.
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