महिलाओं ने पीपल की पूजा कर मांगी सुख सौभाग्य की कामना, दशा माता का हुआ पूजन
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महिलाओं ने पीपल की पूजा कर मांगी सुख सौभाग्य की कामना, दशा माता का हुआ पूजन

राजसमंद में दशा माता की पूजा की गई. महिलाओं ने पीपल की पूजा कर सुख सौभाग्य की कामना की. आमेट उपखंड व आस पास के सहित गांव में दशा माता पर्व शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया.

 

महिलाओं ने पीपल की पूजा कर मांगी सुख सौभाग्य की कामना, दशा माता का हुआ पूजन

Rajsamand: आमेट उपखंड के आगरिया गांव में चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की दशमी शुक्रवार को दशा माता की पूजन करती हुए दशा माता धुलंडी से चल रही है. दशा माता कथा मनोरथ पीपल पूजा के साथ शुक्रवार को पूर्ण हुई. जिसमें दशा माता कि पूजन और व्रत परिवार में आर्थिक स्थिति सुधारने और सुख शांति के बनाए रखने के लिए महिलाएं द्वारा किया जाता है.

आमेट उपखंड व आस पास के सहित गांव में दशा माता पर्व शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया. जिसमें सजी-धजी सुहागन महिलाएं पूजा-अर्चना के लिए अलग- अलग मंदिरों में पीपल के वृक्ष पर अल सुबह से ही शुभ मुहूर्त के अनुसार परम्परागत पूजन के लिए भीड़ लगी रही है. मुख्यालय आमेट व आस पास में दशा माता कथा श्रवण करती महिलाएं दिखाई दीं.

वहीं होली से नौवें दिन यानि गुरुवार को को दशा माता दियाड़ा बावजी के यहां जागरण का आयोजन किया गया.अगले दिन शुक्रवार को दशा व्रत माता की पूजा करने के लिए सभी गली मोहल्ले की महिलाएं सुबह मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए तैयार होकर गीत गाती हुई दशा माता के मन्दिर पहुंची.  मन्दिर में महिलाएं सबसे पहले दशा माता के स्थान की पूजा करने के बाद में पीपल व पतवारी की पूजा करती हैं और पीपल की परिक्रमा करती हैं.

इस दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना को लेकर व्रत रखती हैं तथा विधि विधान से पीपल के पेड़ पर धागा बांधकर दशा माता की पूजा अर्चना करती हैं. होली के बाद नौ दिन तक लगातार पूजा-अर्चना के बाद दसवें दिन शुक्रवार को अल सुबह नए वस्त्र धारण कर गीत गाती हुई पीपल के पेड़ के नीचे धूप, दीप, नेवैद्य आदि अर्पित कर दशा माता की विधिवत पूजा अर्चना कर के पीपल एवं पथवारी की परिक्रमा करने के बाद दशा माता की कथा सुनती हैं. आमेट व आस पास के विभिन्न स्थानों पर महिलाओं द्वारा दशा माता का पूजन किया गया. महिलाओं द्वारा पूजा के बाद में परम्परागत दशा माता कि नई वेल का धारण किया जाती है.

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