Politics: सचिन पायलट को क्यों बोलना पड़ा अशोक गहलोत का डायलॉग, क्या है इसके मायने?
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Politics: सचिन पायलट को क्यों बोलना पड़ा अशोक गहलोत का डायलॉग, क्या है इसके मायने?

राजस्थान की सियासत से दूर होकर भी नेता दूर नहीं हो पाते हैं.

Politics: सचिन पायलट को क्यों बोलना पड़ा अशोक गहलोत का डायलॉग, क्या है इसके मायने?

Sachin Pilot Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत से दूर होकर भी नेता दूर नहीं हो पाते हैं. तभी तो अशोक गहलोत के अंदाज में सचिन पायलट भी बोल पड़े कि मैं थां सूं दूर कोणी यानी मैं आप सबसे दूर नहीं हूं.

दरअसल राजस्थान समेत तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है, लिहाजा इसी कड़ी में सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया. इसी बीच जब सचिन पायलट श्रीगंगानगर की श्री करनपुर सीट पर हो रहे विधानसभा चुनाव में प्रचार करने पहुंचे तो मीडिया कर्मियों ने उनसे राजस्थान से दूर किए जाने का सवाल पूछ लिया तो सचिन पायलट भी ठेठ देसी अंदाज में बोल पड़े, 'मैं थां सूं दूर कौणी' .

सचिन ने कहा कि जहां तक राजस्थान से बाहर जाने की बात है तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि 'मैं थां सूं दूर कौणी' . यह सब को समझना है कि यहां पर हम सब लोग लंबे समय से काम करते रहे हैं. यह हमारी कर्मभूमि रही है, जब तक राजनीति में काम करेंगे. राजस्थान के लोगों की सेवा करते रहेंगे. पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया है. इसके साथ-साथ एक राज्य की जिम्मेदारी भी दी है. जिसका वह पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करेंगे.

वहीं जब उनसे पूछा गया कि किसी दूसरे राज्य ॉजिम्मेदारी देकर क्या उन्हें राजस्थान से साइड लाइन किया जा रहा है. इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में पार्टी विधानसभा चुनाव हार गई है, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी में कई निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में किसको क्या भूमिका देनी है, यह पार्टी के संज्ञान में है और जल्द ही इस पर फैसला किया जाएगा. राजस्थान उनकी कर्मभूमि है. इससे पहले भी वह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भूमिकाएं निभा चुके हैं. 

गौरतलब है कि अशोक गहलोत भी कई बार कह चुके हैं कि 'मैं थां सूं दूर कौणी' . विधानसभा चुनाव के दौरान भी जोधपुर की जनता से कुछ इसी अंदाज में अपनायत दिखाने की  कोशिश की थी, हालांकि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में 70 सीटें ही हासिल कर सकी.

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