Gajendra Singh Shekhawat: 9 नवंबर में उदयपुर में चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एतराज जताया था, जिसे शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत पर कोयले, 7 गारंटी योजना सहित कई मुद्दों पर प्रदेश सरकरा को घेरा है.
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Gajendra Singh Shekhawat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एतराज जताया. इस पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने पलटवार किया. जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हुई पराजय की छटपटाहट और अब विधानसभा में होने वाली अवश्यंभावी हार को देखकर कुर्सी छूटने की छटपटाहट बौखलाहट में बदल गई है. इसी बौखलाहट में सीएम गहलोत बेतुके बयान दे रहे है.
बिजली को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद में सरकार के एक और इरादतन उपभोक्ताओं से की जाने वाली लूट बेनकाब हुई है और सरकार का एक और झूठ बेपर्दा हुआ है. सीएम गहलोत पर कई सावाल दागे.
भाजपा मीडिया सेंटर में पत्रकारों से रूबरू होने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने शेखावत ने कहा कि सत्ता से बाहर जाने का एहसास और जो कुर्सी उनको छोड़ती नहीं , उस कुर्सी के छूट जाने के डर से सीएम गहलोत पूरी तरह बौखला गये है और इसी बौखलाहट में वो इस तरह के बेतुके बयान दे रहे हैं.
इसके साथ शेखावत ने कांग्रेस की सात गारंटियों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जिसकी खुद की गारंटी जब्त हो गई हो वह व्यक्ति या पार्टी गारंटी दे तो उस पर जनता विश्वास नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि ऋण माफ नहीं होने से किसान और बेरोजगार भत्ता नहीं मिलने से युवा दुखी है. पेपर लीक और भ्रष्टाचार से भी युवा दुखी हैं. अब वे लोग इस सरकार की गारंटी के झांसे में नहीं आएंगे.
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया, उसके आलोक में मैं कहना चाहूंगा कि बारां के कवाई में 2018 में एक थर्मल बेस पॉवर प्लांट लगाना था. इसके लिए अडानी, राजस्थान सरकार और डिस्कॉम के बीच समझौता हुआ था. उस एमओयू के अनुरूप राजस्थान सरकार को बिजली विनिर्माता कंपनी को एक कोल ब्लॉक कराकर देना था, लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान सरकार बदलने के बाद ये कोल ब्लॉक आवंटित नहीं करा पाए. इस कारण उस कंपनी को महंगी दर पर इंडोनेशिया से कोयला खरीदना पड़ रहा है.
कंपनी ने अपनी बढ़ी लागत का पैसा डिस्कॉम कंपनी को देने को कहा, लेकिन सरकार वह अतिक्ति पैसा दे नहीं सकी. सरकार कोर्ट में गई, लेकिन कोर्ट में भी कंपनी के पक्ष में फैसला आया. इस कारण सरकार पर ब्याज बढ़ता गया.
आगे शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार की गलत नीतियों के कारण डिस्कॉम कंपनियों का घाटा बढ़ता चला गया. ब्याज बढ़ने के कारण इस घाटे की भरपाई के लिए डिस्कॉम कंपनियों ने कीमतें बढ़ाकर उपभोक्ताओं से वसूल कर रही है. हाईकोर्ट ने इस वसूली को अवैध बताया है और अतिरिक्त वसूली को वापस उपभोक्ताओं के खातों मे समायोजित करने के आदेश भी दिए हैं. हाईकोर्ट के फैसले से सरकार का फैसला बेनकाब हुआ है.