Pali: पाली में 'लंपी वायरस' पर प्रशासन की अव्यवस्थाओं का आलम पसरा हुआ है. जिस पर सामाजिक संगठनों और गौ-रक्षकों ने आक्रोश जताया है.
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Pali: पाली जिले में बीते 1 महीने से अधिक समय में पशुओं के लिए काल बनी लम्पि महामारी लगातार कहर बरपा रही तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं और उपचार की पोल खोल रही. जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग समुचित व्यवस्थाओं और व्यापक उपचार का दावा कर रहा है लेकिन धरातल पर देखा जाए तो इनको उपचार केंद्रों और सरकार की ओर से निर्धारित इन शिविरों में ना तो कर्मचारी समय पर ड्यूटी दे रहे हैं. और ना ही मवेशियों का उपचार कर रहे हैं.
कामधेनु गौ रक्षक सेना के अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित पालीवाल अपने कार्यकर्ताओ के साथ गांव उपचार केंद्रों पर पहुंचे और गौशालाओं पर पहुंचे थे. हालत इसके बिल्कुल विपरीत पाए गए. ना पशुधन सहायक मिले और ना ही गायों का उपचार हो रहा है. सैकड़ों की तादाद में गाय दम तोड़ रही और उन पर मक्खियां भिन्न-भिना रही.
पाली जिले में यह महामारी का रूप ले चुकी और जिले के सभी उपखण्डों के सैकड़ों गांवों में मवेशियों की लाशें पड़ी है और तो और ग्राम पंचायतें भी उन मृत गायों को उठा नहीं रहे हैं. जबकि इन मृत गायों के मक्खियों के कारण ही यह बीमारी आगे फैलती जा रही है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से बनाए इन उपचार केंद्रों पर मात्र खानापूर्ति हो रही है. यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही और एक बार फिर प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खुल रही. लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
Reporter- Subhash Rohiswal
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