नागौर में एनीमिया मुक्त राजस्थान के तहत मनाया गया शक्ति दिवस, उठाए कदम ये कदम
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नागौर में एनीमिया मुक्त राजस्थान के तहत मनाया गया शक्ति दिवस, उठाए कदम ये कदम

एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत प्रत्येक माह के मंगलवार को शक्ति दिवस मनाए जाने के अभियान का आगाज 7 जून को किया गया था. 

नागौर में एनीमिया मुक्त राजस्थान के तहत मनाया गया शक्ति दिवस, उठाए कदम ये कदम

Nagaur: एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत प्रत्येक माह के मंगलवार को शक्ति दिवस मनाए जाने के अभियान का आगाज 7 जून को किया गया था. इसी तर्ज पर मंगलवार को नागौर की समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों आंगनबाड़ी केन्द्रों हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर शक्ति दिवस मनाया गया.  

बता दें कि राजस्थान के बच्चों महिलाओं व किशोरियों में एनीमिया की दर बढ़कर परिलक्षित होने पर एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग की ओर से संयुक्त रूप से एनीमिया की दर को कम करने के लिए गतिविधियों का आयोजन मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप में किया गया. 

एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत प्रत्येक माह के मंगलवार को शक्ति दिवस मनाए जाने के अभियान का आगाज 7 जून को किया गया था. इसी तर्ज पर मंगलवार को नागौर की समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों आंगनबाड़ी केन्द्रों हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर शक्ति दिवस मनाया गया. इसका मुख्य उददेश्य है कि एनीमिया की पहचान कर प्रारंभिक अवस्था में एनीमिया की दर को कम करना है. 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया के निर्देशानुसार, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर शीशराम चौधरी और जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुश्ताक अहमद सहित ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने भी शक्ति दिवस की गतिविधियों का निरीक्षण किया. 

यह गतिविधियां हुईं आयोजित 
शक्ति दिवस पर जिले के राजकीय चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों और हेल्थ वेलनेस सेंटर्स पर आशा सहयोगिनियों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्कूल नहीं जाने वाली किशोर, किशोरियों बच्चों, महिलाओं, गर्भवती और धात्री महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्र बुलाया गया और उनको एनीमिया के बारे में जानकारी दी गई.

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यहां छह माह से 59 माह तक के बच्चों, पांच से नौ वर्ष तक के विद्यालय नहीं जाने वाले बच्चों और 10 से 19 साल तक की विद्यालय नहीं जाने वाली सभी किशोरी बालिकाओं और 20 से 24 साल की विवाहित महिलाओं गर्भवती और धात्री माताओं को आंगनबाड़ी केंद्रों, सीएचसी, पीएचसी और चिकित्सा संस्थानों पर आशा सहयोगिनी की ओर से मोबेलाइज किया गया. इस दौरान आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चिकित्सा विभाग के कार्मिक मौजूद रहे. 

Reporter- Damodar Inaniya

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