नागौर: विकास कार्यों की राशि भुगतान नहीं होने से भूख हड़ताल पर बैठे सरपंचों की बिगड़ी तबीयत, बेनिवाल ने किया समर्थन
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नागौर: विकास कार्यों की राशि भुगतान नहीं होने से भूख हड़ताल पर बैठे सरपंचों की बिगड़ी तबीयत, बेनिवाल ने किया समर्थन

पंचायती राज का नाम आते ही सबसे पहले जहन में एक ही नाम आता है नागौर का. क्योंकि पंचायती राज की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को नागौर से भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी. गांवों को लेकर महात्मा गांधी ने भी कहा था कि अगर देश के गांवों को खतरा पैदा हुआ तो भारत खतरे में आ जाएगा. बापू ने मजबूत और सशक्त गांवों का सपना देखा था, लेकिन आज ग्राम पंचायत के सरपंच गांवों के विकास कार्यों और किए गए विकास कार्यों के भुगतान के लिए भूख हड़ताल कर रहे हैं. 

नागौर: विकास कार्यों की राशि भुगतान नहीं होने से भूख हड़ताल पर बैठे सरपंचों की बिगड़ी तबीयत, बेनिवाल ने किया समर्थन

नागौर: पंचायती राज की जन्मस्थली (नागौर) आज खद ही राज कायम करने के लिए संघर्ष और सहयोग की मांग कर रहा है. जिले के जनप्रतिनिधि गांव, ढाणी, कस्बे और शहरों के विकास के लिए आंदोलनरत हैं. 1959 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जब नागौर में पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की थी तो कभी नहीं सोचा गया था कि व्यवस्था इतनी लचर हो जाएगी कि लोगों को इसके लिए सड़कों पर उतरना होगा. आज यहां के जनप्रतिनिधि अपनी समस्याओं को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं. 

तीसरी बार जांच कराने के विरोध में सरपंचों का धरना

पंचायत समिति मूण्डवा की सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के पक्के कामों की तीसरी बार जांच कराने और भुगतान रोकने के विरोध में सरपंच संघ के बैनर तले सभी सरपंच 24 जनवरी से कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठे हैं. इसके बावजूद भी ना तो उनकी ग्राम पंचायतों का भुगतान किया गया और ना ही कोई सरकारी नुमाइंदा उनके हाल जानने पहुंचा. जिस पर सरपंचों में भारी रोष व्याप्त है. वहीं, संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्रामीण पंचायत संबंधी विभिन्न कामों को लेकर कभी ग्राम पंचायत के तो कभी पंचायत समिति के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

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राज्य सरकार के खिलाफ सरपंचों की नारेबाजी

इसके बावजूद भी पंचायतीराज विभाग व राज्य की सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. मूण्डवा पंचायत समिति परिसर के बाहर अनशन पर बैठे सरपंचों ने बताया कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण आज मूण्डवा पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्य ठप पड़े हैं. इसके बावजूद पंचायतरीज विभाग के जिम्मेदार मंत्री व सरकार उनकी परवाह नहीं कर रहे हैं, जिससे सरपंचों के साथ ही ग्रामीणों को भी उनके इस रवैये से परेशान होना पड़ रहा है.

इस दौरान सरंपचों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार को अपने ही अधिकारियों पर भरोसा नहीं रहा. उन्होंने कहा कि मूण्डवा पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों में पहले दो बार जांच करवाने के बावजूद उनका भुगतान अटका दिया गया तथा अब तीसरी बार फिर से जांच के आदेश दिए गए. उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग ग्राम पंचायतों का भुगतान करने की बजाय बार-बार जांच का सहारा लेकर समय व्यतीत कर रहा है. जिसका खामियाजा इस सरकार को आगामी समय में भुगतना पड़ेगा.

सरपंचों की बिगड़ी तबीयत
मूण्डवा पंचायत समिति के बाहर पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे सरपंचों का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है. इसी दौरान रविवार देर रात को अचानक असावरी सरपंच मांगीलाल गालवा, बलाया सरपंच प्रतिनिधि पुखराज काला की तबीयत ज्यादा बिगड गई, जिन्हें एंबुलेंस 108 की मदद से नागौर रैफर किया गया. वहीं सरपंचों का कहना है कि हमारी मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी. चाहे हमारी जान भी क्यों न चली जाए.

सांसद हनुमान बेनीवाल का मिला समर्थन
अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे सरपंचों को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थन मिला . सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद धरना स्थल पर जाकर धरने का समर्थन किया. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जिला विकास एवं समन्वय समिति की बैठक में भी मूण्डवा पंचायत समिति के बाहर धरने पर बैठे सरपंचों का समस्या को लेकर नागौर जिला कलेक्टर और सीईओ व मूण्डवा एसडीएम को धरने पर जाने की बात कही साथ ही हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वो भी पंचायती राज विभाग मंत्री और मुख्यमंत्री से भी सरपंचों की मांगों को लेकर बात करेंगे.

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मंत्री पर मांगें अनसुनी करने का आरोप

इस दौरान मूंडवा सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष पुखराज काला ने बताया कि नरेगा के तहत किए गए कार्यों की सामग्री का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिसके विरोध में सभी ग्राम पंचायतों पर पूर्ण रुप से तालाबंदी रखी गई है. उन्होंने बताया कि मनरेगा में हुए विभिन्न कार्यों की तीन-तीन बार जांच हो चुकी है और तीनों ही बार सकारात्मक रिपोर्ट जा चुकी है. फिर भी मंत्री जानबूझकर मूंडवा पंचायत समिति के सरपंचों को परेशान कर रहे है. यदि सरकार बकाया भुगतान नहीं करती तो पूर्व में जिस प्रकार तेलंगाना में सरपंचों ने आत्महत्या की थी, उसी प्रकार यहां भी कोई आत्महत्या कर सकता है.

इस दौरान सरपंच संघ के उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने बताया कि कार्य स्वीकृति के पश्चात हर सरपंच ने इधर-उधर से पैसे उधार लाकर विकास कार्य करवाए हैं.अब सरपंचों को एक तरफ उधार मांगने वाले परेशान कर रहे हैं. दूसरी ओर सरकार के मंत्री परेशान कर रहे हैं. हमारी भाजपा या कांग्रेस कोई सुनने वाला नहीं है, ऐसे में हम करें तो क्या करें. यदि किसी सरपंच के साथ कुछ होता है तो उसकी जवाबदारी सरकार की होगी.

28 जनवरी तक होना था भुगतान पर खातों में नहीं आए पैसे

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार द्वारा महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत सत्र 2021-22 तक का सामग्री मद का बकाया भुगतान करने की टाईम लाईन जारी की गई. जिसके अनुसार सभी पंचायतों का भुगतान 28 जनवरी तक किया जाना था. इसके अनुसार सभी जिलों को सूची जारी करते हुए राशि भुगतान का समय भी दे दिया गया और भुगतान के लिए 13 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की गई, लेकिन नागौर की डीडवाना पंचायत समिति की कलवानी व सिधाना, मौलासर की अलखपुरा, मेड़ता की आकेली ए तथा मूंडवा पंचायत समिति की सभी 31 पंचायतों को मिलाकर नागौर की कुल 35 पंचायतों का भुगतान रोक दिया गया. नागौर जिले की इन ग्राम पंचायतों के वित्तीय वर्ष 2021-22 व 2022-23 में बकाया सामग्री मद के भुगतान वाले कार्यों के भौतिक सत्यापन करवाने के लिए राज्य स्तरीय जांच दल का गठन किया गया. जिसमें मूण्डवा पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों के कार्यों का भौतिक सत्यापन करने के लिए दस जांच दल गठित किए गए. इससे पूर्व भी इन कार्यो की दोे बार जांच हो चुकी है, जिसमें रिपोर्ट संतोषजनक पाई गई. इसकेे बावजूद तीसरी बार जांच के आदेश निकालना इन ग्राम पंचायतों के साथ कुठाराघात करने वाला साबित हो रहा है.

इनका मिला समर्थन
सरपंच संघ के धरना स्थल पर पंहुचकर 11 संगठनों ने अपना समर्थन सरपंच संघ को सौंपा. इन संगठनों में राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ, राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ, राजस्थान जाट महासभा नागौर, संयुक्त किसान मोर्चा जिला नागौर, भारतीय किसान संघ राजस्थान प्रदेश, भारतीय किसान यूनियन टिकैत, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत, जाट समाज समन्वय समिति नागौर, राजस्थान पटवार संघ तथा राजस्थान कानूनगो संघ जिला शाखा नागौर सरपंचो को समर्थन देने के लिए पंहुचे.

एक फरवरी को देश भर की पंचायतों में रहेगा कार्य बहिष्कार

राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय नेहरा ने भी धरने पर पहुंचे कर कहा कि नागौर जिले की प्रत्येक पंचायत समिति से रोज एक एक सरपंच मूण्डवा पंचायत समिति के सरपंचों के धरने का समर्थन करेंगे . एक फरवरी को राष्ट्रीय सरपंच संघ के आव्हान पर पूरे देश में कार्य बहिष्कार रहेगा. इस दौरान धरने पर मूण्डवा सरपंच संघ अध्यक्ष शिवकरण धौलिया , सरपंच संघ सचिव रुपाराम रोज , कोषाध्यक्ष महिपाल, मांगीलाल ग्वाला, रामनिवास जेठू, पूनम , रेखा , नृसिंह गालवा , सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच व ग्रामीण मौजूद रहे.

सरपंचों की बिगड़ी तबीयत
मूण्डवा पंचायत समिति के बाहर पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे सरपंचों का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है. इसी दौरान रविवार देर रात को अचानक असावरी सरपंच मांगीलाल गालवा, बलाया सरपंच प्रतिनिधि पुखराज काला की तबीयत ज्यादा बिगड गई, जिन्हें एंबुलेंस 108 की मदद से नागौर रैफर किया गया. वहीं सरपंचों का कहना है कि हमारी मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी. चाहे हमारी जान भी क्यों न चली जाए.

सांसद हनुमान बेनीवाल का मिला समर्थन
अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे सरपंचों को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थन मिला . सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद धरना स्थल पर जाकर धरने का समर्थन किया. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जिला विकास एवं समन्वय समिति की बैठक में भी मूण्डवा पंचायत समिति के बाहर धरने पर बैठे सरपंचों का समस्या को लेकर नागौर जिला कलेक्टर और सीईओ व मूण्डवा एसडीएम को धरने पर जाने की बात कही साथ ही हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वो भी पंचायती राज विभाग मंत्री और मुख्यमंत्री से भी सरपंचों की मांगों को लेकर बात करेंगे.

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