वोटर्स को गर्मी से बचाने के लिए एडवाइजरी,प्रदेश में मतदान केंद्रों पर गर्मी और लू से बचाव के होंगे इंतजाम
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वोटर्स को गर्मी से बचाने के लिए एडवाइजरी,प्रदेश में मतदान केंद्रों पर गर्मी और लू से बचाव के होंगे इंतजाम

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: प्रदेश में मतदान केंद्रों पर गर्मी और लू से बचाव के इंतजाम होंगे.इसके लिए आयोग ने वोटिंग टाइमिंग (एक वोट देने में लगने वाला समय) को कम करने पर प्लानिंग शुरू कर दी है.

वोटर्स को गर्मी से बचाने के लिए एडवाइजरी,प्रदेश में मतदान केंद्रों पर गर्मी और लू से बचाव के होंगे इंतजाम

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: प्रदेश में 25 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल और दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा. मतदान की तारीख से पहले गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं. आने वाले दिनों में 15 से 20 दिन में तेज गर्मी का अलर्ट और 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच सकता है.

वोटिंग की तारीख तक यदि मौसम का पारा ज्यादा रहता है तो प्रशासन के लिए सबसे बड़ा टास्क वोटर को घर से निकालकर वोटिंग के लिए ले जाना है.हालांकि गर्मी को देखते हुए निर्वाचन विभाग ने राज्य के सभी 53 हजार 126 मतदान केंद्रों में तेज गर्मी (लू) से बचाव के समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं.

राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले मौसम के तेवर ने निर्वाचन आयोग के पसीने छुड़ा दिए है.तेज गर्मी का अलर्ट और 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचने की आशंका को देखते हुए आयोग ने चुनाव के लिए कंटीजेंसी प्लान बनाने पर काम शुरू कर दिया है ताकि वोटिंग के दिन वोटर्स को गर्मी में परेशान न होना पड़े और वोटिंग प्रतिशत अच्छा रहे.

इसके लिए आयोग ने वोटिंग टाइमिंग (एक वोट देने में लगने वाला समय) को कम करने पर प्लानिंग शुरू कर दी है. दरअसल चुनाव आयोग ने प्रदेश में गर्मी की स्थिति को देखते हुए राज्य में अप्रैल माह में दो चरणों में चुनाव करवाने का निर्णय किया. अप्रैल में राजस्थान के जिलों में पारा 44 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुंचने की संभावना है.

इसके साथ ही पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में हीटवेव भी चल सकती है. इसकी आशंका को देखते हुए निर्वाचन विभाग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को अपने-अपने यहां चुनाव का कंटिजेंसी प्लान बनाने के निर्देश दिए है.

आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग का लक्ष्य इस लोकसभा चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत 75 फीसदी का है. तक हुए लोकसभा के तमाम चुनावों में राज्य में कभी भी लोकसभा की वोटिंग का प्रतिशत 70 फीसदी नहीं हुआ.सर्वाधिक वोटिंग प्रतिशत आखिर लोकसभा 2019 में रहा था.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि वोटिंग के दौरान वोटर्स का कम समय लगे और वह जल्दी से जल्दी वोट दे सके इस पर भी चुनाव आयोग विचार कर रहा है.आयोग ने वेटिंग कम करने के लिए इस बार 1370 ऑब्जरवरी बूथ बनाए गए है. साथ ही एक्सट्रा स्टाफ लगाया जाएगा ताकि वोटर्स को वोटिंग के लिए मतदान केंद्र पर ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े. इससे जिन बूथों पर ज्यादा वोटर्स है वहां वोटर्स की कतार को कम किया जा सके.

उन्होंने बताया कि एक पोलिंग बूथ पर 1450 मतदाता से ज्यादा वोटर्स नहीं होंगे.सीईओ प्रवीण गुप्ता ने लोगों से सुबह जल्दी आकर वोट डालने की अपील की है.मतदान का समय सुबह सात से शाम छह बजे तक रहेगा.

निर्वाचन विभाग सीईओ प्रवीण गुप्ता ने हाल ही में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों की बैठक करके सभी 53 हजार 126 मतदान केंद्रों पर वोटर्स को धूप और गर्मी से बचाने के लिए पर्याप्त टेंट लगाने, पीने के पानी और बुजुर्ग वोटर्स के लिए वेटिंग रूम बनाने के निर्देश दिए. इन वेटिंग रूम में गर्मी से बचने के लिए पंखे और पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा है.इसके साथ ही जहां ज्यादा गर्मी हो वहां संभव हो सके तो डेजर्ट कूलर या पानी की बौछार करने वाले पंखों की व्यवस्था की जाए.

वोटरों की लंबी लाइनें लगती हैं तो उनके बैठने के लिए उचित व्यवस्था करने समेत गर्मी से बचाने के लिए टेंट लगाए जाएंगे.सभी मतदान दलों के पास ओआरएस पैकेट और तेज गर्मी से बचाव के लिए क्या करें, क्या नहीं करे का पर्चा भी होगा.चुनाव आयोग की तरफ से इस बार मतदाताओं को घरों से बूथ तक लाने और ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है.अब तक तो ये व्यवस्था उम्मीदवारों के द्वारा की जाती है.

आयोग की तरफ से दूर-दराज के एरिया में बने पोलिंग बूथों (खासकर पश्चिमी राजस्थान) में ये सुविधा शुरू करने पर विचार कर रहा है ताकि वोटर्स को दोपहर में पोलिंग बूथ तक आने में परेशानी न हो.लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत की अब तक की स्थिति देखे तो 1952 से 2019 तक के बीच 17 बार लोकसभा के चुनाव हुए.इनमें से चार बार ऐसा रहा जब गर्मी ने 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटर भी मतदान केंद्र पर नहीं पहुंचे.

साल 1991, 1996, 2004 और 2009 में 50 प्रतिशत से कम मतदान हुआ.वहीं 9 बार ऐसे मौका रहा, जब जब मतदान प्रतिशत 60 प्रतिशत के नीचे रहा.इसके अलावा साल 1998, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 60 प्रतिशत से 66 फीसदी तक रहा है.सबसे कम 1996 में 43.40 प्रतिशत जबकि सबसे ज्यादा 2019 के लोकसभा चुनाव में 66.34 फीसदी मतदान हुआ.

बहरहाल, लोकतंत्र के इस यज्ञ में गर्मी को मात देते हुए मतदाताओं को 19 और 26 अप्रैल को घर से निकलकर अपनी वोटरूपी आहूति जरूर देनी हैं.मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदान सबसे महत्वपूर्ण हैं.जनमानस ही तय करता है कि उनकी लोकतांत्रिक सरकार कैसी होगी इसलिए धूप, गर्मी कुछ भी हो मतदान करने से वंचित नहीं रहना है.एक-एक मतदाता समय निकालकर अपने बूथ तक अवश्य पहुंचे.मतदान के बाद ही बूथ से बाहर निकलना होगामक्योंकि मतदान ही हमारा संवैधानिक अधिकार है.इससे वंचित हुए तो जानिए राष्ट्र के उन्नति में हमारा योगदान कम होगा.

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