कांग्रेस ने भरतपुर लोकसभा क्षेत्र से संजना जाटव को प्रत्याशी बनाया है. लोकसभा में कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद संजना जाटव ने कहा विधानसभा चुनाव में जो कमियां रही थी. उन्हें दूर किया जाएगा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जो योजना है, उनको लेकर लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा.
गोविंदराम मेघवाल ने टिकट मिलने के बाद कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी राजस्थान की 25 सीटें नहीं जीत पाएगी. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये पर्ची की सरकार है.
कांग्रेस द्वारा जारी लोकसभा की टिकटों के लिए अलवर लोकसभा क्षेत्र से मुंडावर के विधायक ललित यादव को प्रत्याशी बनाया है. ललित पहली बार विधायक बने हैं. इससे पहले वह 2018 में बसपा से चुनाव लड़े थे और उस समय वह तीसरे स्थान पर रहे थे.
राहुल कस्वां बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. वह चूरू लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद रह चुके हैं. राहुल कस्वां के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बीजेपी के लिए चूरू सीट पर मुश्किलें बढ़ सकती है.
जोधपुर में सचिन पायलट के सबसे बड़े समर्थक करण सिंह उचियारड़ा को इस बार लोकसभा का टिकट दिया गया. बता दें कि करण सिंह की सीधी टक्कर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से होगी.
चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना को प्रत्याशी बनाए जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भव्य आतिशबाजी की. आंजना चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से पूर्व में सांसद भी रह चुके है उन्होंने बीजेपी के नेता जसवंत सिंह को हराया था.
हरीश मीणा ने भाजपा को साल 2018 में छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा. इसके बाद 2019 में हरीश मीणा ने कांग्रेस के टिकट पर देवली उनियारा विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा जिसमें वह जीत गए.दोबारा कांग्रेस के टिकट पर 2023 में देवली उनियारा से हरीश मीणा विधायक बने.
कांग्रेस ने जालोर सीट से पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं, बीजेपी ने लुंबाराम चौधरी (Lumbaram Chaudhary) पर दांव खेला है. 2019 में कांग्रेस ने वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव लड़वाया गया था, लेकिन वो वहां से चुनाव हार गए थे, जिसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें जालोर से उतारा है.
उदयपुर लोकसभा सीट से पूर्व आईएएस रहे ताराचंद मीणा को प्रत्याशी बनाया गया है. बता दें कि सीट से पहले उनका वीआरएस मंजूर किया गया था. तभी से उनके नाम की चर्चा टिकट की रेस में तेज हो गई थी. उदयपुर में डीएम रह चुके ताराचंद पूर्व सीएम अशोक गहलोत के काफी करीबी मानें जाते हैं.
झुंझुनूं लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने पर बृजेंद्र ओला ने कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया. वर्तमान में झुंझुनू विधानसभा सीट से बृजेंद्र ओला विधायक हैं, लगातार 4 बार बृजेंद्र ओला झुंझुनू विधानसभा से विधायक चुने गए है. उनके पिता शीशराम ओला झुंझुनू लोकसभा सीट से सांसद और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. झुंझुनूं सीट पर ऐसे में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
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