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Rajasthan Congress Loksabha: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक बड़ा 'गेम प्लान' तैयार कर रही है. इस नए गेम के तहत राजस्थान में कांग्रेस 'मोदी फार्मूला' लागू कर सकती है. इससे बीजेपी के मेगा प्लान को झटका लग सकता है.
दरअसल राजस्थान में कांग्रेस के मेगा प्लान के तहत विधानसभा चुनाव में जीत कर आए विधायकों पर बड़ा दांव लगा सकती है. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है. पार्टी के अंदर खान चर्चाएं तेज है कि विधानसभा चुनाव में जीतकर आए कांग्रेस विधायकों को ही लोकसभा चुनाव का टिकट दिया जा सकता है. पार्टी को भरोसा है कि जिन विधायकों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है, उनमें से कई ऐसे चेहरे हैं जो लोकसभा चुनाव में भी दमखम से लड़कर पार्टी को जीत दिला सकते हैं.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मौजूदा सांसदों को विधायकी का चुनाव लड़वाया था. कहते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही यह सुझाव दिया था कि सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़वाया जाए. बीजेपी का यह फार्मूला काफी हद तक सफल रहा. मध्य प्रदेश में पार्टी को खासी कामयाबी हाथ लगी. राजस्थान में भी 7 में से चार सांसद जीतने में कामयाब रहे और उनमें से 3 कैबिनेट मिनिस्टर भी बने.
हालांकि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में फर्क होता है, जहां विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है तो वहीं लोकसभा चुनाव में एक नेशनल लेवल पर नॉरेटिव सेट किया जाता है, जिसकी बदौलत ग्राउंड लेवल पर उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं. ऐसे में कांग्रेस अगर इस 'मोदी फार्मूले' को राजस्थान में लागू करती है, तो इसकी सक्सेस रेट क्या होगी? इसे लेकर भी एक बड़ा सवाल है.
वहीं दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अगर कांग्रेस इस फार्मूले को लागू करती है तो क्या अशोक गहलोत, सचिन पायलट और गोविंद सिंह डोटासरा जैसे बड़े नेताओं को भी चुनावी मैदान में उतारा जाएगा या उनके जरिए दूसरे उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाया जाएगा, क्योंकि इन नेताओं की लोकप्रियता भी ज्यादा है.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस अपना वोट शेयर बरकरार रखने में कामयाब हुई है. ऐसे में भले ही राजस्थान से कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी हो, लेकिन पार्टी को लोकसभा चुनाव में कई उम्मीदें हैं, तो वहीं बीजेपी के पास एक बार फिर क्लीन स्वीप के रिकॉर्ड की हैट्रिक बनाने की चुनौती है.
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