Chittorgarh Lok Sabha Seat: कौन फतह करेगा चित्तौड़ का दुर्ग, चुनावी मैदान में भाजपा से सीपी जोशी और कांग्रेस से उदयलाल आंजना आमने- सामने
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Chittorgarh Lok Sabha Seat: कौन फतह करेगा चित्तौड़ का दुर्ग, चुनावी मैदान में भाजपा से सीपी जोशी और कांग्रेस से उदयलाल आंजना आमने- सामने

राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान पहले और दूसरे फेज में 19 और 26 अप्रैल को होने है. पहले फेज में 12 लोकसभा सीट के लिए तथा दूसरे फेस में 13 सीट के लिए मतदान होगा. चित्तौड़गढ़ में मतदान दूसरे फेस में होंगे. जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है.

Chittorgarh Lok Sabha Seat: कौन फतह करेगा चित्तौड़ का दुर्ग, चुनावी मैदान में भाजपा से सीपी जोशी और कांग्रेस से उदयलाल आंजना आमने- सामने

Chittorgarh Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान पहले और दूसरे फेज में 19 और 26 अप्रैल को होने है. पहले फेज में 12 लोकसभा सीट के लिए तथा दूसरे फेस में 13 सीट के लिए मतदान होगा.

चित्तौड़गढ़ में मतदान दूसरे फेस में होंगे. जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है. मुख्य दलों के राजनीतिक दलों के प्रत्याशी संसदीय क्षेत्र में दनादन जनसंपर्क दौरों के माध्यम से जनता से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे है. चित्तौड़गढ़ से भाजपा ने लगातार दो बार के सांसद व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को बतौर प्रयाशी मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व केबिनेट मिनिस्टर और चित्तौड़गढ़ से एक बार सांसद रह चुके कद्दावर नेता उदयलाल आंजना को प्रत्याशी बनाया है.

दोनों दल के प्रत्याशी लगातार बयानबाजी से एकदूजे पर हमलावर होने के साथ जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे है. चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों की बात की जाए तो यहां बड़ी तादात में किसानों को अफीम पट्टे आवंटित हैं. ऐसे में उदयलाल आंजना खुद को किसान केसरी के रूप में क्षेत्र के किसानों के सामने पेश कर अफीम काश्तकारों सहित किसानी मुद्दों को आधार बना कर अपने पक्ष में वोट मांग रहे है.

वहीं भाजपा प्रत्याशी सीपी जोशी उनके कार्यकाल में संसदीय क्षेत्र में करवाए गए विकास कार्यो के साथ केंद्र की मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं.

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष होने के साथ सीपी जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा सांसदों की श्रेणी में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. वहीं पूर्व विधायक, और सांसद होने के साथ केबिनेट मिनिस्टर रहे उदयलाल आंजना कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की श्रेणी में आने के साथ वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष हैं. अपने लंबे राजनीति कैरियर का अच्छा खासा अनुभव होने के साथ कांग्रेस हाईकमान तक पकड़ रखते हैं.

ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और उदयलाल आंजना के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने में किसी भी तरह की कसर छोड़ना नहीं चाहती. यही वजह है कि सीपी जोशी की नामांकन दाखिल करने के दौरान खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित डिप्टी सीएम दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा चित्तौड़गढ़ में आमसभा कर चुके है.

वहीं उदयलाल आंजना की नामांकन रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे, पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, पुर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कदावर नेताओं ने चित्तौड़गढ़ में आमसभा की.

बात अगर दोनों प्रत्याशियों के दमखम की करें तो सीपी जोशी लगातार पिछले दो लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी से लगभग डबल वोट लाकर रिकॉर्ड जीत हासिल करते आ रहे है। 2014 में पहले लोकसभा चुनाव में सीपी जोशी ने कांग्रेस की गिरिजा व्यास को 3 लाख 16 हजार 857 वोट से हराया, वहीं 2019 में पिछले लोकसभा चुनाव में 5 लाख 76 हजार 247 वोट के अंतर से जीत हासिल की थी.

चुकी इस लोकसभा चुनाव में वे भाजपा प्रत्याशी होने के साथ प्रदेशाध्यक्ष भी है. बड़ी साख होने की वजह से इस बार पार्टी की चित्तौड़गढ़ सीट से सीपी जोशी से उम्मीदे भी बढ़ जाती है.

वहीं बात कांग्रेस प्रत्याशी उदयलाल आंजना की करे तो 36 साल पहले राजनीति में आए उदयलाल आंजना नीम्बाहेड़ा से तीन बार विधायक बने. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में उदयलाल आंजना ने दो बार के सांसद व तात्कालिक रक्षा मंत्री जसवंत सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. इस जीत को काफी बड़ा माना जा रहा था. हालांकि इसके एक साल बाद 1999 में हुए उपचुनाव में उदयलाल आंजना को श्रीचंद कृपलानी के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था.

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प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री थे। जबकि वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष हैं. चित्तौडगढ संसदीय क्षेत्र में वोटो का गणित देखा जाए तो जिले की पांच विधानसभाओं में चित्तौड़गढ़, कपासन, निम्बाहेडा, बड़ी सादड़ी बेगूं के अलावा उदयपुर जिले की मावली, वल्लभनगर व प्रतापगढ़ भी चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में पड़ता हैं. इस लोकसभा चुनाव में आठों विधानसभा से 21 लाख 58 हजार से ज्यादा मतदाता वोट की ताकत का इस्तेमाल करेंगे. जिसमें 10 लाख 87 हजार से ज्यादा पुरुष व 10 लाख 71 हजार से ज्यादा महिला वोटर हैं.

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात की जाए तो लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से केवल मावली की एक ही सीट पर कांग्रेस कब्जा कर पाई. जबकि 6 अन्य सीटों पर भाजपा ने सीधी जीत हासिल की. इसी तरह भाजपा से बगावत के बाद चित्तौड़गढ़ सीट से निर्दलीय जीत हासिल कर चर्चा में आए विधायक चंद्रभान सिंह ने भी फिर से भाजपा को समर्थन दे दिया है.

पिछले विधानसभा चुनाव में ही निम्बाहेडा सीट से कांग्रेस सरकार में सहकारिता मंत्री रहने के बावजूद उदयलाल आंजना को हार मिली थी. पिछली हार के बावजूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर आंजना पर भरोसा जताया है. वहीं भाजपा की ओर से लगातार दो बार सांसद और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा हैं.

देश में जहां एक ओर केंद्र की कार्ययोजनाओं साहित राममंदिर बनवाने, कश्मीर से धारा 370 हटाने, तीन तलाक, एनआरसी, सीसीए जैसे मुददों की वजह से बढ़ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फेम का लाभ सीपी जोशी को मिलता नजर आ रहा है. वहीं केंद्र की उपलब्धियों के साथ अपने पिछले दो कार्यकालों में कराए विकासकार्यो के दम पर सीपी जोशी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि 4 जून को चुनावी परिणाम सामने आने के बाद मिला जनादेश दोनों ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर देगा.

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