Rajasthan news: आसाराम को लेकर बड़ी खबर है, बता दें कि देर रात उनकी तबियत फिर से बिगड़ गई है,उन्हें पुलिस कर्मियों ने जोधपुर एम्स में भर्ती कराया है. कुछ दिन पहले गुजरात की जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण साईं अपने पिता से मिलने के लिए इच्छा जताई थी.
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Rajasthan News: आसाराम की तबियत फिर से बिगड़ गई है. बता दें कि महिला शिष्या से रेप के दोषी आसाराम जोधपुर जेल में बंद थे. तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें इलाज के लिए जोधपुर एम्स में भर्ती किया गया है. जहां सुरक्षा घेरे के बीच उनका इलाज जारी है. मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि दिल का दौरा पड़ने के कारण उसे जोधपुर एम्स में भर्ती करा गया था.फिर यहां से पुलिस उनको जोधपुर सेंट्रल जेल ले आई थी, और यहीं पर उसका उपचार जारी था. हालांकि देर रात फिर तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया पड़ा.
बता दें कि गुजरात की जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण साईं अपने पिता से मिलने के लिए इच्छा जताई थी.इसके लिए, हाई कोर्ट में अपने बीमार पिता से मिलने के लिए 20 दिन की अस्थायी जमानत याचिका डाली थी.
बता दें कि नायारण साईं ने दायर याचिका में कहा था कि उनके पिता का जीवन आखिर दौर पर गुजर रहा है. यदि कोर्ट उसे अपने पिता से जोधपुर जेल में मिलने की इजाजत दी जाती है तो सूरत से वहां तक आने-जाने के लिए पुलिस सुरक्षा का पूरा खर्च वहन करेगा.यहां आपको एक बार फिर से बता दें कि बेटा नारायण साईं को सूरत जेल में बंद है. वहीं पिता आसाराम जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा पर है.
हालांकि सुनवाई के दौरान ही कोर्ट को सूचना मिली की आसाराम को वापस अस्पताल से जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. इसके बाद जस्टिस ए. एस. सुपेहिया और जस्टिस विमल व्यास की बेंच ने कहा कि अगर आसाराम अस्पताल में था ही नहीं,
तो इस कवायद का कोई मतलब ही नहीं था. पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा ही पारित एक हालिया आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि आसाराम दिल्ली एम्स में इलाज कराने का इच्छुक नहीं था और केवल आयुर्वेदिक उपचार कराना चाहता था. इसके बाद अधिवक्ता ने याचिका वापस लेना उचित समझा. हालांकि बेटे के याचिका वापस लेने के दो दिन बाद ही आसाराम की तबीयत फिर बिगड़ गई.
आसाराम अस्पताल से वापस जेल आया था तब उसने अपने भक्तों के लिए ऑडियो संदेश जारी किया था. उस संदेश में कहा था कि 'मेरे पास जो मुसीबत है, वो आपके पास अभी नहीं है. और जो खुशी मेरे पास है, वो तुम्हारे पास नहीं है. खुले हवा मान के लिए जेल आया था. कुछ भक्तों को यह लगता है कि मैं गया तो नहीं हूं. ऐसी संतुष्टि है सबको, और जाने वाला भी नही हूं, तुम्हारा संकल्प भी काम कर रहा है.'
बता दें कि अपने बयान में आसाराम ने कहा था कि मैं अपने भक्तों के संकल्प वजह से कहीं नहीं जानें वाला हूं. भक्तों के संकल्प की वजह से मेरी तबीयत भी ठीक है. यहां जेल में कुछ चिकित्सकों ने कहा कि आपके अंदर की मशीनों में गड़बड़ी है, उसकी जांच यहां नहीं होकर एम्स जोधपुर में हो सकती है.आसाराम इतनी मुसीबत होने के बाद भी आध्यात्मिक पर ही चलने का संदेश दे रहा है.वीडियो के आखिर में आसाराम ने ये भी कहा कि आध्यात्म कभी मत छोड़ना. एक आध्यात्म की ताकत ही जो ईश्वर को मिलाती है और आपके संकल्प को पूरा करती है.
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