राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की रेड हुई है. जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस में सियासी जंग छिड़ गई है. यूथ कांग्रेस ने CBI के खिलाफ प्रदर्शन शुरु कर दिया है. क्या है पूरा मामला
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Jodhpur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के जोधपुर आवास और उनके व्यापारिक ठिकानों पर सीबीआई की रेड हुई है. अग्रसेन गहलोत का फर्टिलाइजर का कारोबार है. उन पर आरोप है कि उन्हौने साल 2007 से 2009 के बीच फर्टिलाइजर बनाने में काम आने वाली पोटाश को किसानों में बांटने के नाम पर सरकार से खरीदी. सरकार से ये पोटाश सब्सिडी पर खरीदी गई लेकिन इसे निजी कंपनियों को बेचकर मुनाफा कमाया गया.
इसी मामले में पहले प्रवर्तन निदेशालय ED भी जांच कर रही है. तो वहीं कस्टम विभाग ने इससे पहले भी अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर 5 करोड़ 46 लाख रुपए की पेनल्टी भी लगाई थी. जिसके बाद अग्रसेन गहलोत ने हाईकोर्ट का रुख किया. तो हाईकोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. ED से गिरफ्तारी पर रोक लगाने के बाद अब इस मामले में CBI की एंट्री हुई है.
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शुक्रवार सुबह अचानक जोधपुर में अग्रसेन गहलोत के घर पर सीबीआई की टीम पहुंच गई. इस टीम में कुल 10 अधिकारी थे. जिसमें से 5 अधिकारी दिल्ली से आए थे. तो वहीं 5 अधिकारी जोधपुर से ही है. इसके अलावा एक टीम जोधपुर के पावटा में अग्रसेन गहलोत की दुकान पर भी पहुंच गई. इधर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता जोधपुर में अग्रसेन गहलोत के घर पहुंच गए. घर के बाहर सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेता मैदान में आए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में बयान दिया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पिछले दिनों ईडी ने दिल्ली में राहुल गांधी से पूछताछ शुरु की. जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा है. इसी पर बदले की कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री के भाई पर सीबीआई की रेड हुई है. लेकिन हम किसी भी रूप में दबाव में नहीं आने वाले है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 15 जून को ही इस मामले में सीबीआई मुकदमा दर्ज करती है और दो दिन बाद ही इसमें रेड हो जाती है. मैनें सीबीआई, ईडी के हेड से मिलने का समय मांगा लेकिन मुझे समय नहीं मिला. पिछले 45 सालों से मैं अपना काम कर रहा हूं. और मेरा भाई अपना काम कर रहा है. मैनें दिल्ली में एक्टिव होकर राहुल गांधी के मूवमेंट में भाग लिया तो मेरे भाई से बदला लिया जा रहा है. ये लोग जितना परेशान करेंगे. हम उतना ही मजबूत होंगे. कुछ लोग बिना रगड़ाई के बड़े पदों पर बैठ गए है. इसलिए वो समझ नहीं पा रहे कि काम कैसे करना चाहिए. रगड़ाई का मतलब ग्रूमिंग से है. ग्रूमिंग के बाद अगर किसी को बड़ा पद मिलता है तो फिर वो ऐसी हरकत नहीं करता है. वो जिम्मेदारी पूर्वक काम करता है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स के प्रमुखों से मुलाकात का समय मांगूंगा. फिर मैं उन्हें बताऊंगा कि देश में आपको लेकर क्या ओपिनियन है. आपको बता दें कि साल 2012-13 में डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने इस मामले में खउलासा किया था. जिसके बाद अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर पेनल्टी भी लगाई गई. लेकिन साल 2017 में बीजेपी ने इसे फिर से मुद्दा बनाया. जो अब एक बार फिर से चर्चा में आ गया है.
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