बिलाड़ा कृषि मंडी में जीरे की आवक जारी, व्यापारियों में छाई खुशी की लहर
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बिलाड़ा कृषि मंडी में जीरे की आवक जारी, व्यापारियों में छाई खुशी की लहर

जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड में कृर्षिमंडी में इन दिनों भारी मात्रा में जीरा की आवक शुरु होने से मंडी परिसर गुलजार होने लगी है. 

बिलाड़ा कृषि मंडी में जीरे की आवक जारी, व्यापारियों में छाई खुशी की लहर

Bilara: जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड में कृर्षिमंडी में इन दिनों भारी मात्रा में जीरा की आवक शुरु होने से मंडी परिसर गुलजार होने लगी है. पीपाड़, जैतारण, सोजत तहसील के विभिन्न गांवों से किसान बिलाड़ा मंडी जीरा की फसल बेचने के लिए आते है. जीरे के भाव अच्छा मिलने पर आस-पास के जिलो के किसान भी बिलाड़ा आ रहे हैं. मंडी परिसर में सुबह से रात तक काम चल रहा है.

जीरे की उपज लेना हर किसी के बस का नहीं है. इसकी खेती को लेकर गीतों में भी गाया गया है की " जीरो जीव रो बेरी रे, मत बाओ म्हारा परण्या जीरो " इसके बावजूद फसल बर्बाद होने की आशंका के किसान प्रतिवर्ष जीरे की खेती बढ़ा रहे हैं. क्योंकि हर वर्ष इस के दाम बढ़ रहे हैं, और किसानों को फायदा मिल रहा है. यहां कृषि उपज मंडी में रविवार को जीरा 26 हजार 300 रुपए प्रति क्विंटल की नीलामी पर छूटा कई ढेरिया 25 हजार से भी ऊपर नीलामी पर बिकी.

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जैसे-जैसे बिलाड़ा मंडी में उंझा, जयपुर, कोलकाता से व्यापारी जीरे की खरीद के लिए पहुंच रहे हैं. वैसे-वैसे स्थानीय व्यापारी ऊंचे दामों पर जीरे की खरीद करने लगे हैं. जीरा खरीद व्यापारीयो में महेंद्रसिंह राठौड़, बाबूलाल पटेल, महावीरचंद भंडारी, धर्माराम सीरवी एवं रामचंद्र पटेल इन दिनों प्रतिस्पर्धा के साथ किसानों द्वारा लाए गए जीरे की खरीद कर रहे हैं. 

रविवार को जेलवा गांव के नवोड़ा बेरे से टीलाराम यहां जीरा बेचने पहुंचा तो उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका जीरा 26 हजार 300 रुपए प्रति क्विंटल और बिक जाएगा. व्यापारियों ने कहा जीरा उम्दा क्वालिटी का और मोटे दाने का होने से इस भाव तक नीलामी पहुंची. इन दिनों उन्नत किस्म का जीरा लगातार आ रहा है और 22 हजार से ऊपर के दामों पर निरंतर बिक रहा है. रामचन्द्र पटेल, मोहनलाल जैन बताते हैं कि रबी की फसलों में बाकी कोई भी फसल ऐसे नहीं है जिसमें किसान को इस बार इतना फायदा हुआ है.

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व्यापार संघ अध्यक्ष तरुण मुलेवा बताते हैं इस वर्ष सभी मसाला जैसो में लगभग 20 फ़ीसदी की किमतो में बढ़ोतरी हुई है. वे बताते हैं रूस यूक्रेन के कारण भी भावों में उछाल आया है. खासकर इस पखवाड़े रिफाइंड तेल के दामों में भी भारी इजाफा हुआ है जिससे चटपटा खाने वालों को भी झटका लगा है. मसाला के दाम भी पिछले 10 दिनों में काफी बढ़ गए हैं. सबसे अधिक रिफाइंड तेल के दाम में 20 से 30 रुपये लीटर की वृद्धि हुई है. 

सचिव चेतन पटेल बताता है कि चैत्र माह से त्योहारी सीजन शुरू हो जाती है और घरों में शीतलामाता, नौ सतियो का मेला, आई माता के बीज का मेला, जैसे निरंतर तीज- त्यौहार- गणगौर आदि पर्व के चलते बढ़ी महंगाई से घरों का बजट प्रभावित जरूर हुआ है लेकिन किसानों को इस बार अच्छे दामों के मिलने से उनके चेहरों पर रौनक है. मंडी सचिव रामसिंह सिसोदिया भी किसानों से खरीदी जाने वाली उपज की तुलाई आदि पर नजर बनाए हुए हैं.

जीरा एक्सपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े तेजस गांधी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे जिले की मांग पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार बढ़ रही है, और इस वर्ष 15 से 20 प्रतिशत अधिक जीरा एक्सपोर्ट हुआ है. देश से सबसे ज्यादा जिरा अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अमेरिका और मध्यपूर्व के देशों में एक्सपोर्ट हो रहा है.

 वैसे उनका मानना है कि हमारे यहां उत्पादित होने वाला 70 प्रतिशत जीरा स्थानीय बाजार में ही खप जाता है लेकिन 30% एक्सपोर्ट होता है. गत वर्ष यहां से 90 हजार टन जीरा एक्सपोर्ट किया था और इस साल यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ेगा. इसकी भी वजह बताते हैं कि सीरिया और तुर्की के राजनीतिक हालातों की वजह से वहां से जीरा बाजार मैं नहीं आ पा रहा है. जिसका यहां के किसानों को फायदा हो रहा है.

Reporter: Arun Harsh

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