Surajgarh:सूरजगढ़ में इलाज के अभाव में अब नहीं जाएगी जान,जीवन रक्षा ज्योति है हर पल तैयार
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Surajgarh:सूरजगढ़ में इलाज के अभाव में अब नहीं जाएगी जान,जीवन रक्षा ज्योति है हर पल तैयार

Surajgarh, Jhunjhunu News: झुंझुनू के सूरजगढ़ में एक ऐसी संस्था है जो करती है लोगों की निःशुल्क मदद, सड़क दुर्घटना में घायल  लोगों के लिए है जीवन  रक्षक. एक आदमी की मेहनत से आज बच गयी है हजारों लोगों की जान. 

संस्थान के सदस्य

Surajgarh, Jhunjhunu News: झुंझुनू के सूरजगढ़ में एक ऐसे व्यक्ति के संकल्प की कहानी सामने आई है जिसने ना जाने कितनी ही जिंदगियों को बचाया है. ये खबर एक ऐसे व्यक्ति के संकल्प की कहानी है. जो सड़क दुर्घटना के घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जी जान से जुटा हुआ है. इनके जुनून के कारण ही पिछले 11 साल में हजारों लोगों की जान बच सकी है क्योंकि समय पर अस्पताल पहुंचने से समय पर इलाज मिल सका. शुरुआत भले ही एक व्यक्ति ने की, लेकिन आज इस कार्य में तीन दर्जन से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं. एक समिति भी बना ली गई है, जिसका नाम है जीवन ज्योति रक्षा समिति. 

मुफ्त में करते हैं सेवा

इस समिति से जुड़े लोगों का बस एक ही संकल्प है कि किसी भी घायल की उपचार के अभाव में मौत नहीं हो. इसके लिए समिति से जुड़े लोग दिन रात एक्टवि रहते हैं. घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए दो एंबुलेंस लगा रखी हैं. किसी से एक रुपया नहीं लेते.सभी सदस्य मिलकर हर महीने सदस्यता शुल्क के रूप में 200-200 रुपए जमा करवाते हैं. एंबुलेंस को भी सदस्य खुद चलाते हैं. इस समिति के पास वर्तमान में दो एंबुलेंस हैं. पहले सूरजगढ़ एरिया तक ही फ्री सेवा देते थे, अब सूरजगढ़ से रैफर किए जाने वाले घायलों को झुंझुनूं तक फ्री छोड़ने का जिम्मा भी संस्था ने उठा लिया है.

11 साल में 5372 दुर्घटनाओं के 7200 घायलों को अस्पताल पहुंचाया

जिले के सूरजगढ़ कस्बे की जीवन ज्योति रक्षा समिति पिछले 11 साल से अस्तित्व में है. यह समिति सूरजगढ़ एरिया में हुई सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को अपनी एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही है. इन 11 सालों में करीब 5372 सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए 7200 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है. इनमें से करीब 6784 लोगों का जीवन बच सका. यह लोग आज भी समिति के पदाधिकारियों के एहसानमंद हैं, क्योंकि इन्होंने ही समय पर इन्हें अस्पताल पहुंचाकर इनका उपचार कराया. समय पर इलाज मिल पाने के कारण ही इनकी जान बच सकी. 

समिति के डायरेक्टर अशोक जांगिड़ कहते है. कि इन 11 सालों में करीब 416 लोगों की जान चली गई,इसका दुख भी है. लेकिन उन्होंने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी. आगे भी इसी संकल्प के साथ जुटे हुए है कि समय पर उपचार के अभाव में किसी की जान नहीं जाने देंगे.

जुनून के पीछे की कहानी 

समिति के डायरेक्टर अशोक जांगिड़ ने बताया कि एक हादसे में 11 साल पहले 10 जनवरी 2006 को उनके चाचाजी ओमप्रकाश जांगिड़ लोहारू के पास एक दुर्घटना में घायल हो गए थे. वे डेढ़ घंटे तक सड़क पर तड़पते रहे. किसी ने भी उन्हें अस्पताल नहीं पहुंचाया. जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था. बस उसी दिन ठान लिया था कि इलाज के अभाव में किसी की जान नहीं जाने देंगे. शुरुआत में लोगों की मदद से उनकी गाड़ी से घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया. जब लोगों ने अशोक को इस काम में तन मन धन से जुटे देखा तो वे भी आगे आने लगे. 

जिसके बाद उन्होंने समिति का गठन किया और भामाशाह की मदद से एक एंबुलेंस की व्यवस्था की. समिति को यह पहली एंबुलेंस भामाशाह दरिया सिंह तेतरवाल ने उपलब्ध करवाई. करीब 6 साल संचालन के बाद यह खराब हो गई थी उन्होंने ही दूसरी गाड़ी भी प्रदान कर दी. हाल ही में समिति ने भामाशाहों से चंदा जुटाकर एक बोलेरो खरीदकर उसे एंबुलेंस का रूप दिया है.

अब तक 17 रक्तदान शिविर और एक ऑक्सीजन प्लांट भी लगवाया

संस्था के सदस्य दुर्घटना में घायलों को अस्पताल तो पहुंचाते हैं ही लेकिन रक्त के अभाव में परेशानी होते देख समिति ने रक्तदान शिविर लगाने का बीड़ा भी उठा लिया. समिति की ओर से साल में दो बार 10 जनवरी और 10 मई को रक्तदान शिविर लगाए जाते हैं. 10 जनवरी को अशोक जांगिड़ के चाचा ओमप्रकाश जांगिड़ का निधन हुआ था, इसलिए हर साल उनकी याद में रक्तदान शिविर लगाते हैं. अब तक 17 शिविर लगा चुके हैं. इनमें करीब 5500 यूनिट रक्त का संग्रहण किया जा चुका है. समिति के कैंप में जयपुर की दुर्लभ जी ब्लड बैंक सहित झुंझुनूं, चिड़ावा व पिलानी की ब्लड बैंक रक्त का संग्रहण करती हैं. इसके साथ ही सूरजगढ़ के सरकारी अस्पताल में भामाशाह की मदद से ऑक्सीजन का एक प्लांट भी लगवा चुके हैं.

 पुलिस से पहले समिति को देते हैं सूचना

समिति ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखे हैं. अशोक जांगिड़ कहते है. कि सूरजगढ़ एरिया में लोगों को समिति पर इतना अधिक विश्वास है कि वे पुलिस या 108 एंबुलेंस से पहले उन्हें फोन करते हैं. समिति ने इसके लिए व्हाट्सएप पर 14 ग्रुप बना रखे हैं. इनमें करीब चार हजार लोग जुड़े हुए हैं. इससे दुर्घटना की सूचना मिलती रहती है. इसके लिए मोबाइल नंबर 9413150640, 9772014400, 9887570861 व 9460842844 है. इन पर सूचना देने पर आपातकाल में तुरंत मदद मिलती है.

Reporter - Sandeep Kedia

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