जालोर जिले के भीनमाल आदर्श विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय भीनमाल में तीन दिवसीय आचार्य सम्मेलन का आगाज भारत माता के पूजन के साथ हुआ.
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Bhinmal: जालोर जिले के भीनमाल आदर्श विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय भीनमाल में तीन दिवसीय आचार्य सम्मेलन का आगाज भारत माता के पूजन के साथ हुआ. विद्या भारती जोधपुर प्रांत की योजनानुसार आदर्श शिक्षण संस्थान द्वारा तीन दिन के आचार्य सम्मेलन के प्रथम दिन सांय को 275 दीपों के द्वारा भारत माता का पूजन किया गया.
जिला सचिव अजय कुमार गुप्ता ने ओजस्वी वाणी से भारत माता का गुणगान करते हुए कहा कि भारत विश्व गुरु था और रहेगा. भारत अनेकताओं में एकता वाला देश है. भारत की सांस्कृतिक विरासत देव तुल्य है. देवता भी भारत भूमि पर जन्म लेना चाहते है. भारत केवल जमीन का टुकड़ा नही है. वंदना सत्र में विद्या भारती जोधपुर प्रांत सह मंत्री भैरूपाल सिंह ने कहा कि विद्या भारती के विद्यालय देवमयी कार्य कर रहे है.
भगवदगीता में सत्व, रज, तम का प्रयोग करते हुए जीवन धारा को समझाया गया है. इसे उपनिषद् में अन्नमय कोष, प्राणमय कोष, मनोमय कोष, विज्ञान मय कोष और आनंदमय कोष कहा गया है. मानव की जीवन धारा पंचकोषीय विकास से ही अच्छी होती है. सृष्टि पर चल और अचल जीव है. इससे सृष्टि का विकास हुआ है. मानव जीवन को उत्तम बनाने के लिए ऋषि-मुनियों ने बहुत प्रयास किया है.
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शरीर का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. विद्यालय में पढ़ने वाले बालकों का स्वास्थ्य अच्छा हो इसके लिए अभिभावक और शिक्षक दोनों को जागरूक रहना चाहिए. बालकों को भोजन प्लास्टिक में नहीं डालकर धातु में डालना चाहिए. संतुलित भोजन से शरीर को लाभ मिलता है. अच्छे भोजन से मन भी नियंत्रित रहता है. मन बड़ा चंचल और सूक्ष्म होता है. मन का बुद्धि से जुड़ा हुआ होना चाहिए.
मन का दृढ़ निश्चयी होना आवश्यक है. दृढ़ निश्चय से ही वीर सैनिक देश की रक्षा करते है. विद्यालय में पढ़ने वाला बालक भय से मुक्त होना चाहिए. पुस्तकालय और वाचनालय से बालक का विकास होता है. जिला संवाददाता हनुमान प्रसाद दवे ने बताया कि सम्मेलन में विषयवार आचार्यों का प्रशिक्षण भी हुआ. इस सम्मेलन में विद्या भारती जोधपुर प्रांत संरक्षक डॉ श्रवण कुमार मोदी, जिला सह कोषाध्यक्ष रतनलाल अग्रवाल, प्रधानाचार्य नरेंद्र आचार्य, प्रमोद दवे, उर्मिला खंडेलवाल, बीना शर्मा, नितिन ठाकुर, विष्णुदान, निर्मलसिंह, भरत वैष्णव, गजाराम, सांवलाराम सहित 275 आचार्य उपस्थित रहे.
Reporter: Dungar Singh
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