पोकरण के लाठी कस्बे में दमकल का अभाव, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
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पोकरण के लाठी कस्बे में दमकल का अभाव, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों की तादाद में ग्रामीणों की आवाजाही रहती हैं. बावजूद इसके यहां आग को बुझाने के लिए दमकल की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं. 

लाठी कस्बे में दमकल का अभाव

Pokhran: राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों की तादाद में ग्रामीणों की आवाजाही रहती हैं. बावजूद इसके यहां आग को बुझाने के लिए दमकल की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं. लाठी कस्बे में छोटी बड़ी करीब 150 से अधिक दुकानें हैं लेकिन किसी भी प्रकार की आग लगने की घटना होने पर आग बुझाने के लिए यहां पर दमकल की सुविधा नहीं होने से बड़ी समस्या हो रही हैं. लाठी गांव के आस-पास दर्जनों की तादाद में छोटे बड़े गांव, सैंकडो नलकूप, फिल्ड फायरिंग रेंज और शक्तिपीठ भादरिया हैं. क्षेत्र में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर दमकल वाहन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही हैं लेकिन जिम्मेदारों की ओर से इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं करने से समस्या बढ़ती जा रही हैं.

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घटित हो चुकी है घटनाएं
क्षेत्र के केरालिया गांव में कुछ दिन पूर्व माधवसिंह के नलकूप पर स्थित दो रहवासी झोपड़ियों में अचानक आग लग गई जिससे पीड़ित किसान के झोपड़ी में बंधी हुई आठ बकरियां के जिन्दा जलने से मौत हो गई. वहीं अनाज, नगदी और सोने-चांदी के आभूषण सहित झोपड़ियां जलकर खाक हो गई जिससे लाखों रुपये का नुकसान हो गया. करीब दो माह पूर्व धोलिया में एक चारे के बाडे में आग लगने से बाडे़ में रखा लाखों रूपये का चारा जलकर राख हो गया. इसी तरह छोटी-बड़ी कई घटना हो चुकी हैं. समय रहते दमकल सुविधा नहीं मिलने के कारण भविष्य में भी बड़ी घटनाएं होने की आशंका है. 

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जानकार बताते हैं कि दमकल की व्यवस्था होती तो आग पर काबू पाया जा सकता था लेकिन इस घटना के पश्चात भी आग पर काबू पाने के लिए दमकल की व्यवस्था नहीं थी. करीब 2 वर्ष पूर्व लाठी गांव के पास एक नलकूप पर रहवासी झोपड़ी में अचानक से आग लगने से झोपडी में मौजूद मासूम बच्ची की मौत हो गई. इस तरह की छोटी-बड़ी 1 दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. गौरतलब है कि जैसलमेर जिले का लाठी गांव फिल्ड फायरिंग रेंज, शक्तिपीठ भादरिया होने पूरे राजस्थान में अपनी पहचान बना चुका हैं. सेना की ओर से परीक्षण के दौरान हजारों की तादाद में सेना आती है और शक्तिपीठ भादरिया में मेले के दौरान यहां पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता हैं.

ग्राम पंचायत मुख्यालय होने के बाद भी दमकल नहीं
लाठी ग्राम पंचायत मुख्यालय बड़ा होने के बाद भी यहां पर दमकल की सुविधा नहीं हैं. पोकरण और जैसलमेर से आने में दमकल को कई घंटे लग जाते हैं. इस दौरान दमकल समय पर नहीं पहुंचने पर भारी नुकसान हो जाता हैं. पूर्व में आग लगने से कई बड़े हादसे हो चुके हैं और इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरूरत हैं.

पीड़ितों को मिले तत्काल सुविधा
पूर्व में हुई घटनाओं को देखते हुए यहां दमकल होना जरूरी है जिससे किसी भी प्रकार की घटना होने पर पीड़ित लोगों को तत्काल दमकल की सुविधा मिल सके.

Report: Shankar Dan

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