Jaisalmer: नवरात्रि के आज अष्टमी के दिन, लोगों ने अपने घरों में कुलदेवी और मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर ज्योत जलाई. नवरात्रि केआठवें दिन महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है और हमारी संस्कृति में कन्या को देवी रूप माना गया है. इसीलिए नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है
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Jaisalmer: नवरात्रि के आज अष्टमी के दिन, लोगों ने अपने घरों में कुलदेवी और मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर ज्योत जलाई. साथ ही महाअष्टमी पर शहर के सभी देवी मंदिरों में विशेष आयोजन और हवन किए गए. मंदिरों में माता का विशेष शृंगार किया गया और मनमोहक झांकियां सजाई गईं. माता को खीर-पूड़ी-हल्वा का भोग लगाया गया.
इस अवसर पर श्री कृष्ण जन्म भूमि निर्माण न्यास के पदेन राष्ट्रीय धर्माचार्य निम्मी गिरी ने बताया कि, नवरात्रि केआठवें दिन महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है और हमारी संस्कृति में कन्या को देवी रूप माना गया है. इसीलिए नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. जिसमें घरों और मंदिरों में कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया . साथ ही दक्षिणा दी गई.
वहीं जैसलमेर में श्री दाता सेवा संस्थान की ओर से संत दाता स्वामी उम्मेदगिरी के सानिध्य में भक्तों ने रेवत सिंह की ढाणी के पास स्थित 800 साल पुराने हिंगलाज मंदिर में कन्याओं का पूजन और भोज का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत महंत तुंग गिरी और लखण गिरी की समाधि पूजन से की गई. उसके बाद संत उम्मेदगिरि के नेतृत्व में साधकों ने हिंगलाज मंदिर में महायज्ञ किया. अष्टमी के दिन कुल देवी की पूजा अर्चना में हवन का विशेष महत्व है. दाता उम्मेदगिरि ने बताया कि आज सर्व जन कल्याण हेतु मां से प्रार्थना की और आने वाले समय में माता रानी समस्त विश्व पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखे.
मंदिर में आये भगत नवीन व्यास ने बताया कि, श्री दाता सेवा संस्थान वर्ष पर्यंत इस तरह के धार्मिक आयोजन करता रहता है. इस अवसर पर पंडित विजय व्यास, पंडित आनंद रामदेव, पंडित धर्मेंद्र ओझा, समाज सेवी ब्रह्मकिशन, दलपत सिंह, अनिल रामावत, सुशील बरसा, प्रदीप पूरी, दीपाराम, खुशबू कुंबज, मेघना सिंह, माला, सुनीता, किरण, मुक्ता आदि सहित कई भक्तों ने महायज्ञ में भाग लिया.