शनिदोष से बचना है तो इन 5 बातों का रखें ध्यान, शनि देव भी रहते हैं दूर
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शनिदोष से बचना है तो इन 5 बातों का रखें ध्यान, शनि देव भी रहते हैं दूर

JYOTISH NEWS : वैदिक ज्योतिष में कर्मों का फल देने वाले शनिदेव दशा या महादशा आने पर कर्मों के अनुसार फल देते हैं. भगवान शिव ने शनिदेव को नवग्रहों में न्यायधीश के पद पर बैठाया है. सब शनिदेव के नाम से डरते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव खुद इन पांच से डरते हैं.

JYOTISH NEWS Five Story and Hidden Astro Remedy to Get Rid of Shanidev

JYOTISH NEWS : वैदिक ज्योतिष में कर्मों का फल देने वाले शनिदेव दशा या महादशा आने पर कर्मों के अनुसार फल देते हैं. भगवान शिव ने शनिदेव को नवग्रहों में न्यायधीश के पद पर बैठाया है. सब शनिदेव के नाम से डरते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव खुद इन पांच से डरते हैं.

श्रीकृष्ण
एक बार की बात है शनिदेव तपस्या में लीन थे. तब श्रीकृष्णजी ने कोयल के रूप में उन्हे दर्शन दिये. तब शनिदेव ने अपने इष्ट श्री कृष्ण को कहा कि वो कभी भी उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे.

भोलेनाथ
माना जाता है कि पिता सूर्यदेव के कहने पर और शनिदेव को बचपन में सबक सिखाने के लिए शिवजी ने उन पर प्रहार कर दिया था. जिससे शनिदेव बेहोश हो गए. जिसके बाद विनती करने पर शिवजी ने वापस उन्‍हें सही ठीक किया था. तब से मान्‍यता है कि शनिदेव भोलेनाथ को गुरु मानते हैं और उनसे डरते हैं.

बजरंगबली
माना जाता है कि शनिदेव के प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी का स्मरण और पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से शनि की महादशा का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. और शनि दोष से मुक्ति मिलती है. पवनपुत्र हनुमान से शनिदेव बहुत डरते हैं.

 

पत्नी
एक बार शनिदेव की पत्नी ऋतु स्नान कर शनि महाराज के पास आई. लेकिन तब शनिदेव अपने इष्ट श्रीकृष्ण की पूजा में लीन थे तो पत्नी की तरफ नहीं देखा. क्रोधित पत्नी ने शनिदेव को श्राप दिया कि जिसे देखेंगे वो नष्ट हो जाएगा. तभी से शनिदेव नजरें नहीं मिलाने की हिदायत दी जाती है और शनि दशा में शनि पत्नी का नाम मंत्र जपा जाता है.

पीपल 
पौराणिक कहानी के अनुसार शनिदेव को पीपल से डर लगता है. इसलिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने की मान्यता है. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं . कहा ये भी जाता है कि जो भी पीपल के पेड़ की पूजा करता है उस पर शनि का प्रभाव कम होता है.

काले तिल
एक पौराणिक कथा के अनुसा शनि देव, भगवान सूर्य और उनकी दूसरी पत्नी छाया के पुत्र हैं. एक बार जब गुस्से में सूर्यदेव ने अपने ही पुत्र शनि को श्राप दिया और उनका घर जला दिया तो शनिदेव ने पिता को मनाने के लिए तिल का सहारा लिया था. तभी से शनिदेव की पूजा में काले तिल महत्वपूर्ण हो गये.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है

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