Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल में इनदिनों निशुल्क सोनोग्राफी की सुविधा नहीं मिल रही है, जिससे मरीज और उनके साथ आए परिजन परेशान हो रहे हैं. जानें सोनोग्राफी सविधा बंद होने की वजह.
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Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जवाहिर हॉस्पिटल में मरीजों को मिलने वाली निशुल्क सोनोग्राफी की सुविधा अब नहीं है. जिले की सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में, जहां पहले से ही कई मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का अभाव है. वहीं, सोनोग्राफी जैसी महत्वपूर्ण जांच की भी सुविधा नहीं होने से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जवाहिर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ जेआर पंवार ने जानकारी देते बताया कि रेडियोलोजिस्ट के वीआरएस ले लेने से पद रिक्त हो गया है इसलिए सोनोग्राफी बंद है. हम प्रयास कर रहे हैं कि वैकल्पिक व्यवस्था करवाके सोनोग्राफी को शुरू किया जाए.
वहीं, जैसलमेर के कुछ शहर वासियो ने सोनोग्राफी को शुरू करवाने के लिए जैसलमेर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया, लेकिन उसके बावजूद भी सोनोग्राफी शुरू नहीं होने से गरीब मरीज सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि बाजार में निजी क्लिनिक सोनोग्राफी करने के लिए 800 से 1 हजार रुपये वसूल रहे हैं, दूसरी तरफ हेल्थ डिपार्टमेंट इस ओर गंभीर नजर नहीं रहा है.
ताले में बंद सोनोग्राफी
जैसलमेर जवाहिर हॉस्पिटल में सोनोग्राफी सेंटर के बाहर ताला लगा होने से मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं. करीब 1 महीने से सेंटर पर ताला लगा होने से लोगों को मजबूरन निजी क्लीनिक पर जाकर मंहगे दामों में सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है, जबकि हॉस्पिटल में फ्री में सोनोग्राफी की सुविधा मिलती थी.
जवाहिर हॉस्पिटल में सोनोग्राफी की सुविधा है, लेकिन रेडियोलोजिस्ट का पद 1 महीने से रिक्त चल रहा है. ऐसे में कोई अन्य डॉक्टर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी नहीं कर सकते हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को निजी क्लिनिकों के भरोसे ही रहना पड़ता है. जानकारी के अनुसार, आजकल स्त्री रोग विशेषज्ञ पूरे 9 माह तक हर महीने गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी करवाते हैं. ऐसे में इस दौरान गरीब परिवारों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
शहर में जवाहिर हॉस्पिटल के अलावा निजी कीलिनिक पर सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन वहां पर 800 से 1 हजार रुपये तक शुल्क लगता है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं के अलावा अन्य मरीजों की सोनोग्राफी के लिए भी सुविधा नहीं मिल पा रही है.
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