जैसलमेर में धूमधाम से मनाया गया हिन्दू नव वर्ष, अष्टांग योग का भी आयोजन
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जैसलमेर में धूमधाम से मनाया गया हिन्दू नव वर्ष, अष्टांग योग का भी आयोजन

Jaisalmer news:  हिंदू नव वर्ष संवत्सर 2080 के अवसर पर अष्टाङ्ग योग केंद्र के सानिध्य में आज बुधवार को हिन्दू नव वर्ष समवत् 2080 का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में साधक, साधिकाओं के साथ बच्चों ने भी नए साल के उत्सव आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

जैसलमेर में धूमधाम से मनाया गया हिन्दू नव वर्ष, अष्टांग योग का भी आयोजन

Jaisalmer news: जैसलमेर में चैत्र शुक्ला प्रतिपदा हिंदू नव वर्ष संवत्सर 2080 के अवसर पर कई स्थानों पर आयोजन किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में लीलाधर ताराचंद विश्रन्ति भवन में अष्टाङ्ग योग केंद्र के सानिध्य में आज बुधवार को हिन्दू नव वर्ष समवत् 2080 का पर्व धूमधाम व उल्लास पूर्वक मनाया गया. इस कार्यक्रम के दौरान न केवल यज्ञ, हवन का आयोजन गायत्री मंत्र की आहुतियों के साथ किया गया व रंगोली सजाते हुए रक्षा सूत्र भी बांधे गए, और देषभक्ति के गीतों के साथ अन्य कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान बड़ी संख्या में साधक, साधिकाओं के साथ बच्चों ने भी नए साल के उत्सव आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

अष्टांग योग केन्द्र के कोर्डिनेटर नीरज दलाल ने बताया कि जैसलमेर शहर के लीलाधर ताराचंद विश्रन्ति भवन में बुधवार को चैत्र शुक्ला प्रतिपदा संवत्स्र 2080 यानि हिन्दू नववर्ष के स्वागत का आयोजन उल्लास व आनंदपूर्वक किया गया. आज योग षिविर के आयोजन के साथ साथ सुबह नियमित समय में नये साल के स्वागत के संदर्भ में कई कार्यक्रमो का आयोजन किया गया. कार्यक्रम स्थल पर रंगोली सजाई गई व देश भक्ति के गीतों का आयोजन हुआ, साधक साधिकाओं ने एक दूसरे को हिंदू नव वर्ष की बधाइयां दी,व तिलक लगाने के साथ रक्षा सूत्र मोली बांधी गयी.

उन्होंने बताया कि बाद में यज्ञ, हवन का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने आहुतिया दी जायेगी, साथ ही 108 गायत्री मंत्रो का जाप करते हुए हवन कुंड में आहुतियां दी, इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया व हमेशा स्वस्थ रहने के लिए नीम, काली मिर्च ,मिश्री का काढ़ा सभी को पिलाया गया.

नरेंद्र ने बताया कि खासकर बच्चों में राष्ट्रभक्ति व देश प्रेम की भावना का जज्बा विकसित करने के लिए प्रेरणादायक उद्बोधन भी आयोजित किये गए. अंत में भारत माता के जय जय कारो के साथ पूरे परिसर को गुंजयमान कर दिया गया. वर्तमान में भागदौड़ की जिन्दगी के कारण बढ़ रही तनाव की घटना, साथ ही हृदयघात, सूगर आदि अन्य बिमारियों के मरीजो की संख्या में बढ़ोतरी होने का देखते हुवे इससे निजात पाने के लिए जीवन में योग व प्राणायम काफी जरुरी हो गया हैं और योग प्राणायम को अपने जीवन में ढालने से इस प्रकार की कई बिमारियों से ग्रसित मरीजो को राहत मिलने लगी हैं और योग जीवन पद्धति का प्राणात्व बनता जा रहा हैं. इसी संदर्भ में प्रतिदिन सुबह 6.30 से 8 बजे तक संचालित हो रहे अष्टांग योग केंद्र में कई योगिक क्रियायें, प्राणायाम, व अन्य कई सुक्षम क्रियाएं करवाई जाती हैं जिससे सादक सादिकओं को स्वथ्य दिनचर्या, दीर्घायु होने के साथ स्फूर्ति व आनंद प्रदान कर रही हैं. इन दिनो बच्चे भी बड़ी संख्या में हमारे योग केंद्र का हिस्सा बनकर स्वयं भी आनंदित हो रहे हैं.

गौरतलब हैं कि वृद्धाश्राम में आयोजित हो रहे अष्टांग योग केंद्र में प्रतिदिन सुबह 6:30 से 8 बजे तक प्रणायम व योग षिविर का आयोजन हो रहा हैं. जिसमें साधक व साधिकाओं के अलावा बड़ी संख्या में बच्चे भी सरीक होकर योग को अपने जीवन में उतारका ना केवल भविष्य को बेहतर बना रहे हैं वरन् शरीर को स्वस्थ व तंदुरुस्त रख रहे हैं.

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