गृह विभाग की ओर से कलेक्टर-एसपी को दिए गए आदेश में आखा तीज, पीपल पूर्णिमा आदि अबूझ सावन पर बाल विवाह रोकथाम के लिए निगरानी, जन जागरण और सरकारी कर्मचारियों को पाबंद करने के निर्देश दिए गए हैं.
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Jaipur: प्रदेश में बाल विवाह रोकने को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. आखा तीज के 1 दिन पहले बाल विवाह रोकने के आदेश जारी किए गए हैं. गृह विभाग की ओर से कलेक्टर-एसपी को दिए गए आदेश में आखा तीज, पीपल पूर्णिमा आदि अबूझ सावन पर बाल विवाह रोकथाम के लिए निगरानी, जन जागरण और सरकारी कर्मचारियों को पाबंद करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, मंगलवार को परशुराम जयंती और ईद की छुट्टी होने से सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे.
प्रदेश में अबूझ सावों पर बाल विवाह करने की कुप्रथा है. बाल विवाह रोकने को लेकर राज्य सरकार की ओर से कलेक्टर एसपी को निर्देश देने के साथ ही कर्मचारियों को पाबंद किया जाता है. गृह विभाग की ओर से आखा तीज के ठीक 1 दिन पहले आदेश जारी किए गए हैं, जबकि पुलिस कार्रवाई के डर से लोग एक दिन पहले भी बाल विवाह कर लेते हैं.
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कैसे होगा जन जागरण, निगरानी
गृह विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि आखा तीज पर ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह होते हैं. ऐसे में कलेक्टर एसपी निगरानी रखकर बालविवाह रोकना सुनिश्चित करें. बाल विवाह रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में समझाइश कर जन जागरण अभियान चलाने के निर्देश दिए. सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि 1 दिन में जन जागरण कैसे हो पाएगा और बाल विवाह पर निगरानी रखना संभव होगा.
इनकी जिम्मेदारी की तय
बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम और तहसील स्तर पर पदस्थापित पटवारी शिक्षक, ग्राम सेवक थानाधकारी, महिला सुरक्षा सखी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि कर्मचारियों, पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्य आदि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं.
जन सहभागिता, चेतना जागृत करने के निर्देश
आदेश अनुसार समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए जनचेतना सहभागिता जागृत करने के निर्देश दिए गए हैं. समाज में जागृति आएगी तो बाल विवाह रोक पाएंगे.
बाल विवाह रोकने को लेकर खानापूर्ति
गृह विभाग की ओर से हर साल की तरह इस बाल विवाह रोकने को लेकर उस बिंदु तय किए गए हैं. प्राय सारे बिंदु वही हैं, जो पिछले बार दिए गए थे. गृह विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर आदेशों में केवल तारीख बदली गई है.
1 जिला ब्लाक स्तर पर गठित स्वयं सहायता समूह, महिला समूह स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुरक्षा सचिव आदि के ग्रुप सक्रिय किए जाएं.
2 बाल विवाह में सहयोगी पंडित हलवाई टेंट आदि को बाल विवाह में कराने का आश्वासन लेने के निर्देश दिए.
3 ग्राम सभाओं में बाल विवाह के दुष्प्रभाव को लेकर विचार विमर्श करना.
4 महिलाओं बालिकाओं को बाल विवाह की जानकारी देकर नजदीकी थाने में सूचना देने के लिए सेल करने के निर्देश दिए.
5 विवाह निमंत्रण पत्र पर वर वधु की उम्र लिखें और उसका प्रमाण प्रिंटिंग प्रेस वाले के पास रहना चाहिए.
6. राजस्थानी हेल्पलाइन 181 और पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर शिकायत के संबंध में जागृत करना.
7. सभी एसडीएम मुख्यालय पर बाल विवाह को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश.
8. सभी स्कूलों में बाल विवाह और उसके दुष्परिणाम की जानकारी देना.
9. बाल विवाह संभावित मोहल्लों में लोगों से चर्चा कर बैठक लेना और उन्हें कानून की जानकारी देना.
10. सभी पुलिस अधीक्षक और दलितों को बाल विवाह रोकने और जानकारी समय आने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.