sexual harassment of women at workplace : यौन शोषण के कई प्रकार होते है. इसे रोकने के लिए भारतीय कानून में आपीसी और सीआरपीसी के तहत अलग अलग प्रावधान किए गए है. इस पर क्या कहता है इंडियन कानून और महिला पुरुष रिश्तों की क्या है सीमाएं, सब कुछ जानिए.
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Indian law on sexual harassment : भारत हो या दुनिया का कोई भी देश. यौन शोषण के आए दिन अनेकों मामले सामने आते है. सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामले लड़के और लड़कियों, दोनों के साथ होते है. लेकिन ज्यादातर मामले गर्ल्स के साथ हो होते है. कार्यस्थल पर बॉस से या कलीग से इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. तो कभी कॉलेज और स्कूल में दोस्तों से भी परेशानी होती है. यहां तक की रिश्तेदारों से लेकर बस और ट्रेन में अनजान लोगों से भी इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है.
भारत जैसे ग्रामीण परिवेश वाले देश में ज्यादातर लोगों को यही नहीं पता होता है कि आखिर कौन कौन सी बातें यौन शोषण यानि सेक्सुअल हैरेसमेंट के दायरे में आएगी. सेक्सुअल हैरेसमेंट का मतलब हर उस यौन गतिविधि यानि सेस्सुअल एक्टिविटी से होता है जो लड़के या लड़की की बिना मर्जी से होता है.
ये प्वाइंट होंगे शामिल
लड़का/लड़की को गंदे मैसेज भेजना
गंदी बातें करना
लड़की को देखकर गंदी टिप्पणी करना या सिटी बजाना
उसकी मर्जी के बिना गंदी नियत से छूना
सेक्सुअल लाइफ के बारे में पता करने का प्रयास
फोन पर या आमने सामने भद्दे मजाक करना
भारत में लड़कियां या लड़के सेक्सुअल हैरेसमेंट के बारे में खुलकर बात नहीं करते. हालांकि कुछ समय पहले चले मी टू कैंपेन ने कई वीआईपी मामलों को भी उजागर किया था. लेकिन ऐसा बहुत कम ही होता है.
यौन शोषण निवारण के लिए संविधान की धारा 354 में प्रावधान है. इसमें आरोप सिद्ध हो जाते है तो फिर आईपीसी की धाराओं के तहत आरोपी पर कार्रवाई होती है. 2013 के बाद इस कानून में बदलाव हुआ और उसे 4 उपधाराओं में तब्दील किया गया. 354-A, 354-B, 354-C, 354-D.
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जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने से लेकर अश्लील मैसेज भेजने और गंदे कमेंट करने के साथ साथ गंदी नीयत से टच करने के मामलों में धारा 354-ए के तहत कार्रवाई होती है. अगर संबंधित पर ये सभी आरोप साबित हो गए तो जुर्माने के साथ साथ 3 साल की सजा भी हो सकती है. अगर कोई किसी व्यक्ति को अश्लील वीडियो दिखाता है तो वो मामला भी इसी धारा में आएगा.
यदि कोई महिला या पुरुष को कपड़े उतारने पर मजबूर किया जाता है या उसके कपड़े उतारे जाते है तो धारा 354-B के तहत 5 से 7 साल तक की सजा हो सकती है. ये गैरजमानती भी है.
धारा 354-C वो मामले आते है जिसमें अश्लील वीडियो बनाया जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं. कोई प्राइवेट काम अगर पब्लिक में फैलाया जाता है तो वो भी इसी धारा के तहत आएगा. अगर इस तरह की शिकायत होती है और जांच में आरोप सही पाए जाते है. तो संबंधित शख्स को 3 साल तक की जेल हो सकती है.
यौन शोषण यानि सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामलों में धारा 354-D भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसमें स्टालकिंग के मामले आते है. यानि अगर किसी लड़की का जबरदस्ती पीछा किया जाता है. उसे बात करने के लिए मजबूर किया जाता है. तो लड़की धारा 354-D में शिकायत कर सकती है. अगर आरोप साबित हुए तो युवक को 3 साल से 5 साल की सजा होगी. जुर्माना भी लगेगा.