सर्दी-जुकाम में रुटिन की दवाइयां लेने से पड़ सकते हैं लेने के देने! डॉ लिनेशवर हर्षवर्धन बोले- हो सकता है साइड इफेक्ट
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सर्दी-जुकाम में रुटिन की दवाइयां लेने से पड़ सकते हैं लेने के देने! डॉ लिनेशवर हर्षवर्धन बोले- हो सकता है साइड इफेक्ट

Rajasthan News:  सर्दी-जुकाम में रुटिन की दवाइयां लेने से लेने के देने पड़ सकते हैं. डॉ लिनेशवर हर्षवर्धन का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवाई लेने से साइड इफेक्ट हो सकता है.

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Rajasthan News: बदलते मौसम के बीच बीमारियों का खतरा भी लगातार मंडराता हुआ नजर आ रहा है. जहां एक तरफ डेंगू ने लोगों को बीमार किया तो वहीं अब खांसी जुकाम भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.

खांसी और जुकाम को कुछ लोग नजरअंदाज कर देते है लेकिन यह बीमारी भी आपकी सेहत को खराब करने में पीछे नहीं है.

अस्पतालों में इन दिनों खांसी जुकाम के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में लोग जल्दबाजी में जो दवाइयां ले रहे है उनका साइड इफेक्ट उनके शरीर को बीमार करने के लिए काफी है.

प्रदेश का मौसम लगातार बदलता हुआ नजर आ रहा है. बदलते मौसम के बीच मौसमी बीमारियों का खतरा भी पैर पसारने लग जाता है. पिछले कुछ दिनों में डेंगू, चिकनगुनिया के कहर ने भी लोगों को जकड़ा.

बुखार, सिरदर्द, हाथ पैर में दर्द, ज्वाइंट में दर्द के मरीजों की संख्या अस्पतालों में ज्यादा देखने को मिली.

बारिश के समय डेंगू ने परेशान किया तो अब सर्दी के हल्के तेवरों के बीच खांसी जुकाम के मरीजों के आंकड़े बढ़ने लगे है. हालांकि कुछ मरीज खांसी जुकाम को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते लेकिन ये खांसी आपके शरीर को ज्यादा बीमार कर सकती है.

डॉ लिनेशवर हर्षवर्धन (मेडिसिन विभाग RUHS) की माने तो दिवाली के बाद होने वाला पॉल्यूशन सांस के जरिए शरीर में पहुंच जाता है जिसके कारण संक्रमण होने का खतरा मंडराने लगता है.

अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि यह इंफेक्शन उनको लम्बे समय तक बीमार कर सकता है. अगर उन्हें लक्षण मिलते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेने की आवश्यकता है.

डॉक्टरों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में एजुकेशन का अभाव होने के कारण लोग इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते है. जिसके कारण उनका स्वास्थ्य खराब होता चलता है.

RUHS मेडिसिन विभाग के डॉ लिनेशवर हर्षवर्धन ने बताया की दो तरह की खांसी लोगों को संक्रमित कर रही है. जिसमें सूखी खांसी और बलगम खांसी शामिल है.

उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लोग रुटिन की दवाइयां ले रहे हैं जिससे कुछ देर के लिए उनको आराम जरूर मिलता है लेकिन उसका शरीर पर साइड इफेक्ट क्या पड़ रहा है इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं. जरूरत है कि झोलाछाप डॉक्टरों से बचकर मरीज अच्छे डॉक्टर्स से ट्रीटमेंट ले.

अस्पतालों में खांसी जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. सूखी खांसी के मामले भी अस्पतालों में ज्यादा बढ़ रहे हैं. जरूरी है कि खांसी और जुकाम ज्यादा होने पर अच्छे डॉक्टर्स से पूरा इलाज लें, क्योंकि ये खांसी आपके शरीर को ज्यादा संक्रमित भी कर सकती है और ज्यादा बीमार भी.

 

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