फिटजी को निर्देश दिए हैं कि वह कोर्स की जमा फीस सत्तर हजार पांच सौ रुपए में से 50 हजार रुपए परिवादिया को वापस करे. इसके साथ ही हर्जाना राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 10 अक्टूबर 2013 से नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है.
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Jaipur: जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-प्रथम ने पीसीएम कोर्स बीच में छोड़ने के चलते जमा फीस वापस नहीं करने को सेवा दोष मानते हुए फिटजी लिमिटेड पर 11000 रुपए हर्जाना लगाया है. वहीं, फिटजी को निर्देश दिए हैं कि वह कोर्स की जमा फीस सत्तर हजार पांच सौ रुपए में से 50 हजार रुपए परिवादिया को वापस करे. इसके साथ ही हर्जाना राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 10 अक्टूबर 2013 से नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है.
आयोग ने कहा कि परिवादिया के बेटे ने मैथमेटिक्स की समस्या का समाधान नहीं होने व पीसीबी कोर्स की कोचिंग सुविधा नहीं होने पर बीच में कोर्स छोड़ा है. इसे छात्र का स्वेच्छा से कोर्स छोड़ना नहीं कहा जा सकता. आयोग ने यह आदेश डॉ. शीला चौधरी के परिवाद पर दिया.
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने वर्ष 2012 में विपक्षी कोचिंग संस्थान के यहां पर अपने बेटे का प्रवेश थ्री ईयर पीसीएम कोर्स में करवाया था. छात्र को मैथमेटिक्स में प्रॉब्लम होने पर उसका समाधान नहीं किया गया. जब परिवादिया के बेटे ने पीसीएम की जगह पीसीबी कोर्स की पढ़ाई के लिए कहा तो संस्थान ने पीसीबी कोर्स नहीं होने का हवाला देकर मना कर दिया.
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इस पर परिवादिया ने कोचिंग को कोर्स की जमा फीस लौटाने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया. इस पर परिवादिया ने जिला उपभोक्ता मंच में परिवाद दायर कर जमा फीस हर्जाना शुल्क सहित लौटाने का आग्रह किया. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने कोचिंग संस्था पर हर्जाना लगाते हुए फीस में से पचास हजार रुपए लौटाने को कहा है.
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Reporter-Mahesh Pareek