Rajasthan politics: कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या बीजेपी में अब नेतागीरी करने के लिए लीडर नहीं बचे हैं. रंधावा ने कहा कि ED, CBI और इन्कम टैक्स क्या अब बीजेपी ने नेता बन गए हैं.
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Rajasthan politics News : देश के अलग-अलग हिस्सों में केन्द्रीय ऐजेन्सियों की कार्रवाई पिछले दिनों हुई हैं लेकिन चुनावी राज्यों में हुई कार्रवाई पर कांग्रेस लगातार सवाल उठाती रही है. अब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने ED, CBI और इन्कम टैक्स को बीजेपी का लीडर बता दिया है. रंधावा ने कहा कि बीजेपी में शायद नेताओं का टोटा हो गया है और इसलिए ED, CBI और इन्कम बीजेपी में नेता के रूप में लीडरशिप करते दिख रहे हैं.
ED, CBI और इन्कम टैक्स के नामों की चर्चा पिछले कुछ साल से लगातार हो रही है. राजनीतिक हलकों में और खासतौर पर चुनावी राज्यों में इसकी चर्चा ज्यादा होती है. अब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा तो ईडी के नाम पर भी तल्ख तेवर दिखाने लगे हैं. रंधावा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या बीजेपी में अब नेतागीरी करने के लिए लीडर नहीं बचे हैं. रंधावा ने कहा कि ED, CBI और इन्कम टैक्स क्या अब बीजेपी ने नेता बन गए हैं.
रंधावा ने कहा कि बीजेपी के पास राजस्थान में आने के लिए लीडर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ना तो उनके ज्यादा नेता यहां आ रहे और ना ही उनमें यह बोलने की हिम्मत है कि राजस्थान में क्या काम बाकी रह गया है. रंधावा ने कहा कि राजस्थान में इतने काम हो गए कि बीजेपी के पास मुद्दे नहीं बचे. उन्होंने कहा कि अब उनके पास भले ही ED होगी लेकिन चाहे वो ED, CBI, इन्कम टैक्स किसी को भी भेज दें. कांग्रेस डरेगी नहीं जो करना है वो कर लें. रंधावा ने कहा कि वो अन्दर भी जाएंगे और जीतकर भी आएंगे.
उधर जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से रंधावा के इस बयान के बारे में पूछा गया तो वे रंधावा के बयान पर कुछ बोलने से सीधा इनकार कर रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि वो रंधावा के बयान पर कुछ नहीं कहेगी.
भले बीजेपी रंधावा के बयान पर कुछ भी कहने की रणनीति पर चले लेकिन इससे पहले सीएम अशोक गहलोत भी केन्द्रीय ऐजेन्सियों के दुरूपयोग के आरोप केन्द्र सरकार पर लगा चुके हैं. सीएम कहते हैं कि वे केन्द्रीय ऐजेन्सियों का सम्मान करते हैं लेकिन जिस तरीके से उन पर दबाव बनाकर उनसे काम कराया जा रहा है. उस बारे में इन ऐजेन्सियों में काम करने वालों को भी सोचना चाहिए.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वाकई केन्द्रीय ऐजेन्सियां दबाव में काम कर रही हैं. सवाल यह भी है कि अगर ऐजेन्सियां दबाव में काम कर रही हैं तो क्या वो निष्पक्ष कार्रवाई कर सकेंगी. साथ ही सवाल यह भी कि क्या कांग्रेस अटैक इज़ द बेस्ट डिफेन्स की पॉलिसी पर चलकर केन्द्र को उल्टे आंख दिखा कर खुद की मजबूती दिखा रही है.