राजस्थान: प्रदेश में आज से एक माह का खान सुरक्षा अभियान, फील्ड में उतरेंगे अधिकारी
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राजस्थान: प्रदेश में आज से एक माह का खान सुरक्षा अभियान, फील्ड में उतरेंगे अधिकारी

एसीएस माइंस डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग के अन्य अधिकारियों को भी कम से कम पांच खनन लाइसेंसधारियों के यहां जाकर निरीक्षण करना होगा. खनन परिसरों में खान सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने और खनन कार्मिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति गंभीर है.

राजस्थान: प्रदेश में आज से एक माह का खान सुरक्षा अभियान, फील्ड में उतरेंगे अधिकारी

Jaipur News: प्रदेश में हो रहे खान हादसों को रोकने के लिए अधिकारी फील्ड में उतरेंगे. माइंस विभाग ने 23 जनवरी से 22 फरवरी तक 1 महीने का खान सुरक्षा अभियान शुरू किया है. अभियान के दौरान जोन, वृत, खण्ड, उपखण्ड अधिकारियों के साथ ही विभाग के सतर्कता अधिकारी खनिज खनन उत्पादन करने वाले कम से कम 15 खनन पट्टों, 30 क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों का निरीक्षण कर खनन सुरक्षा नियमों व प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी.

खान हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा अभियान

एसीएस माइंस डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग के अन्य अधिकारियों को भी कम से कम पांच खनन लाइसेंसधारियों के यहां जाकर निरीक्षण करना होगा. उन्होंने बताया कि विभाग खनन परिसरों में खान सुरक्षा मानकों की शतप्रतिशत पालना सुनिश्चित कराने और खनन कार्मिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति गंभीर है.

23 जनवरी से 22 फरवरी तक अभियान 

उन्होंने बताया कि विभाग ने 23 जनवरी से 22 फरवरी तक चलाये जाने वाला एक माह का अभियान आरंभ कर दिया गया है। राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 (आरएमएमसीआर), खान संरक्षण एवं विकास नियमावली, 2017 (एमसीडीआर) और मेटलिफेरस माइंस रेगुलेशन 1961 (एमएमआर) के साथ ही माइंस अधिनियम 1952 की विभिन्न धाराओं में सुरक्षित खनन के संबंध में आवश्यक प्रावधान उपलब्ध है.

 आगे उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान इन नियमों की पालना सुनिश्चित कराने के साथ ही भविष्य में भी इनकी पालना के निर्देश दिए जाएंगे. अभियान के दौरान खनन पट्टा व क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा जारी कंसेट टू ऑपरेट और एनवायरमेंट क्लीयरेंस में निर्देशित प्रावधानों, पर्यावरण व खनिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जारी सुरक्षा प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई जाएगी. खान अधिनियम के अनुसार खनिक श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेयजल व्यवस्था, शौचालय, चिकित्सकीय उपकरण आदि की उपलब्धता होना जरुरी है.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 में नियमानुसार सुरक्षित एवं वैज्ञानिक विधि से खनिक श्रमिकों के स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियां संचालित करने के प्रावधान है. इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण, खनन क्षेत्र की सीमांकन, खनन गतिविधियों के सुपरविजन के लिए क्वालीफाईड व्यक्ति को नियोजित किया जाना आवश्यक है. सुरक्षा मानकों की पालना नहीं करने की स्थिति में खनन गतिविधियों को बंद करवा कर आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है.

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एसीएस ने बताया कि एमसीडीआर के तहत खनन कार्यों के दौरान वैज्ञानिक विधि से खनिज संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियां संचालित करने का प्रावधान है. अभियान के दौरान इनकी पालना के साथ ही एबेंडोनेड माइंस के पुनर्भरण एवं माइंस क्लोजर प्लान की पालना का निरीक्षण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही खानों के ओवरबर्डन या वेस्ट आदि निर्धारित स्थान पर रखने और बेक फिलिंग प्रावधानों की पालना भी देखी जाएगी.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमएमआर, 1961 में ओपन कास्ट माइंस की बेंच, हाईट, विड्थ, साइड के स्लोप एंगल, डीप होल ब्लॉस्टिंग और भारी मशीनरी के उपयोग के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश है ताकि खनन कार्य सुरक्षित व वैज्ञानिक तरीके से हो सके.

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