Jaipur news: सावन के महीने में छोटी काशी की गलियों में भोलेनाथ की गूंज सुनाई दे रही है. सावन के महीने में जयपुर में 250 साल पुराने निर्विकारेश्वर महादेव मंदिर में कैलाश मानसरोवर का दरबार सजाया गया था.
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Jaipur news: सावन के महीने में छोटी काशी की गलियों में भोलेनाथ की गूंज सुनाई दे रही है. श्रद्धालु भोलेनाथ की भक्ति में डूबे है. मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ है. सावन के महीने में जयपुर में 250 साल पुराने निर्विकारेश्वर महादेव मंदिर में कैलाश मानसरोवर का दरबार सजाया गया था. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े हुए थे.
निर्विकारेश्वर मंदिर में विशेष दरबार-
छोटी काशी में बाबा के भक्त भोले की भक्ति में डूबे है. चारदीवारी के गली-गली में महादेव के अलौकिक दरबार दिखाई दे रहे है. जयपुर के 250 साल पुराने निर्विकारेश्वर महादेव मंदिर में सावन में आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है. मंदिर में कैलाश मानसरोवर का दरबार सजाया है. दरबार में कैलाश मानसरोवर की दरबार बर्फ की पहाडियों से ढका हुआ दिखाई दे रहा है.बाबा के दरबार में सजी इस विशेष झांकी को देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा.
इसलिए कहा जाता है जयपुर को छोटी काशी
चारदीवारी की गली गली में मंदिर है,हर चौराहे पर मंदिर है.इसलिए जयपुर को छोटीकाशी कहा जाता है.निर्विकारेश्वर महादेव मंदिर में लोगों की आस्था है कि जो भी यहां आता है,उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.मंदिर में सावन के हर सोमवार को कुछ इसी तरह का दरबार सजा होता है.
प्रकृति से जुड़कर पेड लगाने का संदेश-
मानसून में प्रकृति से सभी और हरियाली छाई हुई है.इसलिए बाबा के दरबार में भी कुछ इसी तरह का श्रृंगार किया गया.प्रकृति से जोड़कर पेड़ लगाने का संदेश देते हुए बाबा के दरबार को सजाया गया.
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