Rajasthan Mehandipur Balaji Temple: आखिर क्यों घर नहीं लाया जाता मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद ,भूलकर भी न करें यह गलती
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Rajasthan Mehandipur Balaji Temple: आखिर क्यों घर नहीं लाया जाता मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद ,भूलकर भी न करें यह गलती

Mehandipur Balaji Temple: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी तरह के प्रसाद को आप खा नहीं सकते और ना ही किसी को दे सकते हैं.लोगों का मानना है कि इस स्थान पर हनुमान जी जागृत अवस्था में विराजते हैं. किसी भक्त पर भूत-प्रेत का साया हो तो वो इस मंदिर में आने से दूर हो जाता है.

Rajasthan Mehandipur Balaji Temple: आखिर क्यों घर नहीं लाया जाता मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद ,भूलकर भी न करें यह गलती

Rajasthan Mehandipur Balaji Temple: हनुमान जी बहुत शक्तिशाली है. उनक शरीर व्रज के समान है इसलिए उन्हें बजरंगबली भी कहते हैं.  हनुमान जी कलियुग के सबसे प्रभावशाली देवता है. हनुमान जी के बाल रुप को बाला जी कहते हैं.  हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिरों में राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भी शामिल है. यह मंदिर राजस्थान के दौसा की दो पहाड़ियों के बीच स्थित है. इस मंदिर में दुनिया भर से भक्त अपने कष्टों का निवारण करने आते है और खुश होकर जाते हैं. लोगों का मानना है कि इस स्थान पर हनुमान जी जागृत अवस्था में विराजते हैं. किसी भक्त पर भूत-प्रेत का साया हो तो वो इस मंदिर में आने से दूर हो जाता है.

हनुमान जी अपने बाल रुप में विराजमान

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं. इस मंदिर में उनके ठीक सामने प्रभू श्री राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित है. यहां आने वाले भक्तों के लिए एक खास नियम है. इस नियम के मुताबिक, यहां दर्शन करने वाले भक्त कम से कम एक हफ्ते पहले से भक्तों को प्याज, लहसुन, नॉनवेज, शराब आदि का सेवन करने की मनाही है.

भूत- प्रेत ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए प्रसिद्ध है मंदिर

मान्यता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के बाद ऊपरी बाधाओं से लोगों को मुक्ति मिल जाती है. भूत- प्रेत ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए यहां आने वालों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर में प्रेतराज सरकार और भैरवबाबा यानी की कोतवाल कप्तान की मूर्ति . हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में पेशी होता है, जिसमें लोगों पर आए ऊपरी सायों को दूर किया जाता है.

यहां पर प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की प्रतिमा भी स्थापित है. हर दिन प्रेतराज सरकार के दरबार में पेशी  किया जाता है. इसका समय रात के दो बजे होता है. यहीं पर लोगों के ऊपरी साये दूर किए जाते. माना जाता है कि हनुमानजी के इस मंदिर में दर्शन करने के बाद व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर वापस आता है.

प्रसाद नहीं ले जा सकते घर

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी तरह के प्रसाद को आप खा नहीं सकते और ना ही किसी को दे सकते हैं. यहां के प्रसाद को आप घर पर भी नहीं लेकर जा सकते. यहां तक की कोई भी खाने-पीने की चीज और सुंगधित चीज आप यहां से घर नहीं लेकर जा सकते. कहा जाता है ऐसा करने पर ऊपरी साया आपके ऊपर आ जाती है.

यहां आने वक्त सामान में जैसे साबुन, टूथपेस्ट, क्रीम, लिपस्टिक, पाउडर, हेयर ऑयल आदि उतना ही ले जाए जितना जरूरी हो क्योंकि वहां से वापस आते समय आपका बचा हुआ ये सामान वहीं पर छोड़ना पड़ेगा. इसे आप घर नहीं ला सकते, ऐसी मनाही है. 

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