Rajasthan High Court: राज्य सरकार की ओर से मुकदमों की कमजोर पैरवी और केस के प्रभारी अधिकारियों की गैरहाजिरी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बार फिर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने खान सचिव को 29 अप्रैल को तलब किया है.
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Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने मुकदमों की कमजोर पैरवी और केस के प्रभारी अधिकारियों की गैरहाजिरी को लेकर एक बार फिर टिप्पणी की है. अदालत ने कहा है कि लगता है कि सरकार व्यवस्था बदलने को तैयार नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने खान सचिव को 29 अप्रैल को रिकॉर्ड सहित बुलाया है. वहीं, अदालत ने इस संबंध में प्रमुख विधि सचिव से दो सप्ताह में शपथ पत्र पेश करने को कहा है. जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील पर दिए.
केस का प्रभारी अधिकारी और अधिकृत वकील गैर मौजूद
मामले के अनुसार, वर्ष 2002 से चल रही इस अपील पर जल्दी सुनवाई के लिए राज्य सरकार ने प्रार्थना पत्र पेश किया था. वहीं, सुनवाई के दौरान केस का प्रभारी अधिकारी और अधिकृत वकील दोनों ही मौजूद नहीं थे. सरकारी वकील की जगह ऐसा वकील पैरवी के लिए पहुंचा, जो सरकार के पैनल में नहीं था. गौरतलब है कि इससे पूर्व में अदालत ने मुख्य सचिव और प्रमुख विधि सचिव को तलब कर चुकी है.
राज्य सरकार की सुस्ती के चलते न्याय व्यवस्था हो रही विफल-हाईकोर्ट
इसके अलावा एक मामले में चार साल से जवाब पेश नहीं करने को भी हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया था और प्रकरण को राज्यपाल के ध्यान में लाने की बात कही थी. मामले में अदालत ने यहां तक टिप्पणी कर दी थी कि राज्य सरकार के रवैये को किसी भी सूरत में लोक कल्याणकारी नहीं कहा जा सकता. ऐसी सुस्ती के चलते न्याय व्यवस्था विफल हो रही है और बेरोजगारों को अदालतों में आना पड रहा है.