Jaipur News: राजस्थान सरकार ने भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर दिया है. सीएम भजनलाल शर्मा के निर्देश पर भर्ती एजेंसियों ने पूरे सालभर की भर्तियों की तारीख एक साथ जारी कर दी हैं. देखें कैलेंडर.
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Jaipur News: युवाओं को साधने की कवायद में राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर भर्ती एजेंसियों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है और पूरे सालभर की भर्तियों की तारीख एक साथ जारी कर दी है लेकिन इस कैलेंडर पर भी राजनेता अपनी तरफ से पाला देने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में भर्ती के बीच बयानों की बरछी की धार भी दिख रही है.
पूरे साल भर होने वाली भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी हो गया है. खुद मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर की धरती से इस बात का जिक्र किया. उन्होंने युवाओं से पढ़ने और मेहनत करने की अपील करते हुए कहा कि आपकी मेहनत जरुर रंग लाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से पहले भर्ती परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी असमंजस में रहते थे कि परीक्षा कब होगी? लेकिन सरकार ने पूरा कैलेंडर बना दिया है और 81 हजार भर्तियों का कार्यक्रम जारी भी कर दिया है.
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युवा पढ़ें, मेहत करें, जरूर रंग लाएगी मेहनत-मुख्यमंत्री.
डूंगरपुर की धरती से सीएम भजनलाल शर्मा का बयान.
कहा - अबसे पहले हमारे युवा भाई असमंजस में रहते थे.
कि विज्ञप्ति कब निकलेगी, परीक्षा कब होगी?
सीएम बोले - आज हमने कैलेण्डर जारी किया है.
81 हजार भर्तियों की परीक्षा का कार्यक्रम तय है.
हमने एक साल की तारीखें घोषित कर दी हैं.
सीएम बोले - युवा भाईयों से कहना चाहता हूं.
पढ़ो, मेहनत करो और परीक्षा दो.
आपकी मेहनत जरूर रंग लाएगी - मुख्यमंत्री.
मुख्यमंत्री भर्ती कैलेंडर का जिक्र कर रहे हैं, लेकिन पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा आंकड़ों के आधार पर कहते हैं कि यह 81 हजार पद केवल दिखाने के हैं, जबकि मूल भर्ती तो 13 हजार 848 पदों पर ही है. डोटासरा ने कहा कि इनमें से 52 हजार से ज्यादा पद तो चतुर्थ श्रेणी के हैं.
इसके अलावा 8000 से ज्यादा पड़ एनएचएम में संविदा के हैं और 2200 पद बिजली के खंभों पर तार जोड़ने वाले टेक्निकल असिस्टेंट के हैं. डोटासरा ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि क्या? सरकार सिर्फ झाड़ू लगाने वाले.... पानी का गिलास पकड़ाने वाले...घंटी बजाने वाले और खंभे पर तार जोड़ने वालों की ही भर्ती करना चाहती है.... या फिर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगारों को भी नौकरी देगी क्या?
झाड़ू लगाने, पानी का गिलास पकड़ाने वाले को ही दोगे क्या नौकरी?
पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा का भर्ती कैलेण्डर के विज्ञापन पर निशाना.
डोटासरा बोले - सरकार ने भर्ती कैलेण्डर का विज्ञापन दिया है.
बोले - सीएम ने हर साल 1 लाख पदों पर भर्ती की बात की थी.
विज्ञापन में 81 हज़ार पदों पर भर्ती की बात कही है.
डोटासरा बोले - इनमें से 52 हज़ार 453 तो चतुर्थ श्रेणी के पद हैं.
8256 एनएचएम की संविदा नौकरियां हैं.
खंभे पर तार जोड़ने वाले टेक्निकल असिस्टेंट के 2200 पद.
पशुधन सहायक के 2041 पद.
इनका जोड़ होता है 64 हज़ार 950.
और सैकण्ड ग्रेड के 24 विषयों में केवल 2202 पदों पर भर्ती.
डोटासरा बोले - किसी पंडित जी ने यह अंक शुभ बता दिया होगा.
डोटासरा बोले - मोटे तौर पर 13 हजार 848 पदों पर भर्ती परीक्षा होगी.
डोटासरा ने सरकार से पूछा - किसको दे रहे हो? नौकरी, क्या दे रहे हो?
खंभे पर तार जोड़ने वाले को दे रहे हो?
जो पानी का गिलास पकड़ाए, झाड़ू लगाए.
स्कूल की घंटी बजाए उन्हीं को नौकरी दोगे.
या ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट को भी नौकरी दोगे क्या?
डोटासरा बोले - अभी कौनसे चुनाव हैं?
12 महीने तो पंचायतीराज और निकाय चुनाव भी नहीं करा रहे.
डोटासरा बोले - सरकारें कार्यकाल के आखिर में देती हैं ऐसा विज्ञापन.
डोटासरा भर्तियों पर सवाल उठा रहे हैं... लेकिन मुख्यमन्त्री ने पिछली सरकार में पेपर लीक का मुद्दा उठाया. सात ही उन्होंने कहा कि सरकार सबकी जरूरत समझती है. सीएम भजनलाल ने कहा कि वे गरीबी को भी समझते हैं, तो किसान, मजदूर और गांव के भाइयों की जरूरत को भी समझते हैं.
पेपर लीक को लेकर सीएम भजनलाल ने फिर साधा कांग्रेस पर निशाना.
कहा - कांग्रेस राज में पेपर लीक होते थे.
लेकिन अब एक साल हो गया.
पेपर खूब हुए, लेकिन कोई पेपर आउट नहीं हुआ.
सीएम बोले - हम उस गरीब की गरीबी को जानते हैं.
किसान हो या मजदूर हो,गांव के उस भाई को जानते हैं.
जिसको ज़रूरत होती है.
सरकार रोजगार देने पर कर रही काम.
सरकार भर्ती परीक्षा का कैलेंडर बता रही है... तो कांग्रेस पदों की संख्या और उनकी नेचर की बात कर रही है. इन सबके बीच सवाल यह भी कि अगर भर्तियां कम हैं और पद चतुर्थ श्रेणी के हैं.... तो उनका भर्ती कैलेण्डर जारी नहीं होना चाहिए? सवाल यह कि क्या पदों की गिनती श्रेणी के हिसाब से होनी चाहिए? और सवाल यह भी कि, इससे पहले जारी हुए भर्ती कैलेंडर की पालना किस हद तक पूरी हुई?