Rajasthan Election Voting 2023: राजस्थान में मतदान संपन्न हो चुके हैं, कुछ जगहों पर मतदान की विशेष प्रक्रिया जारी है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रेसवार्ता की है. राजस्थान में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुए हैं, सीईसी प्रवीण गुप्ता बोले-अभी कहीं रिपोल की स्थिति नहीं है.
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Rajasthan Chunav Voting 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 199 विधानसभा क्षेत्रों के 51,890 मतदान केंद्रों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो गया. नव विवाहित जोड़ों, दिव्यांग, थर्ड जेंडर, आदिवासियों, वृद्धों और युवाओं सहित सभी मतदाताओं ने मतदान में उत्साहपूर्वक भागीदारी की.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि शहरी,ग्रामीण और दूर-दराज के मतदान केन्द्रों पर भी सुबह 7 बजे ही मतदाता बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचने लगे.दिनभर हंसते-मुस्कराते, उत्साह से लबरेज मतदाताओं का तांता मतदान केन्द्रों पर लगा रहा. शाम 6 बजे तक भी कई स्थानों पर मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की लम्बी कतारें लगी थीं. श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र में एक प्रत्याशी की मृत्यु के कारण निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित हो चुकी है.
विधानसभा चुनाव में मतदान की प्रक्रिया धीमी होने की शिकायत लोगों की ओर से की गई. इसलेकर गुप्ता ने कहा कि शुरूआत में ठंड की वजह से लोग मतदान स्थलों पर कम पहुंचे. बाद में मतदान प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी. इसके साथ ही मतदान के बहिस्कार को लेकर कहा कि तीन चार जगह से ऐसे मामले सामने आए हैं. वहीं, मतदाता सूची में कई मतदाताओं के नाम नहीं होने की शिकायतों पर कहा कि निर्वाचन विभाग ने आखिरी समय तक मतदाता सूची में नाम जोड़े हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निर्वाचन विभाग की ओर से किए गए नवाचारों, वेबकास्टिंग की वजह से चुनाव प्रक्रिया में सहजता हुई है. इसके साथ ही रिपोल को लेकर कहा कि अभी तक कहीं से भी रिपोल जैसी संभावनाएं नहीं लग रही है. हालांकि अभी ऑबर्ग्वर आरओ के साथ मीटिंग करेंगे. इसके बाद ईवीएम जमा कराने के दौरान भी कोई तकनीकी खामी आती है तो स्थिति स्पस्ट हो पाएगी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि फॉर्म 17ए की जांच के बाद रविवार 26 नवम्बर तक ही अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े प्राप्त हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार,निर्वाचन आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डे एवं अरुण गोयल के नेतृत्व में बेहतर कार्य योजना तकनीकी नवाचारों और गहन मॉनिटरिंग के फलस्वरूप प्रदेश में मतदान निर्बाध और सुचारू ढंग से सम्पन्न हुआ.उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र,निष्पक्ष, सुगम और समावेशी चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों सहित विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ व्यापक और नियमित रूप से स्थिति एवं चुनाव सम्बंधी तैयारियों की समीक्षा की थी.
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के 12,433 संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों सहित 26,393 मतदान केन्द्रों पर मतदान प्रक्रिया की लाइव वेब कास्टिंग करवाई गई. रिटर्निंग अधिकारी, जिला एवं राज्य स्तर पर और भारत निर्वाचन आयोग के स्तर पर वेब कास्टिंग की मॉनटरिंग की गई.क्रिटिकल मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में केन्द्रीय पुलिस बल और माइक्रो ऑब्जर्वर लगाए गए.सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के सुविधा को ध्यान में रखते हुए रैम्प, पीने के पानी, टॉयलेट और व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई. साथ ही, मतदाताओं की सहायता के लिए हर मतदान केन्द्र पर 2 वॉलन्टियर्स तैनात किए गए.
गुप्ता ने बताया कि 80 वर्ष एवं अधिक आयु के वृद्धजन और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए इस चुनाव में पहली बार आयोग की ओर से होम वोटिंग की सुविधा प्रदान की गई थी. प्रदेश भर में, 80 वर्ष से अधिक आयु के 50,730 एवं 11,798 दिव्यांग मतदाताओं ने फॉर्म 12-डी भर कर घर से ही मतदान की सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. इनमें से 61,618 जीवित मतदाताओं में से कुल 49,365 वृद्ध (80 वर्ष से अधिक) एवं 11,656 दिव्यांग मतदाताओं ने घर से ही मतदान किया.
इस तरह करीब 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने इस सुविधा का लाभ लिया. आवश्यक सेवाओं से जुड़े 6,694 मतदाताओं ने फॉर्म 12-डी भरा, इनमें से 4,427 मतदाताओं ने पोस्टल बैलट सुविधा के माध्यम से वोट डाला. 3,71,442 मतदान कार्मिकों ने फेसिलिटेशन सेंटर्स पर पोस्टल बैलट से मतदान किया.
लोकतंत्र के उत्सव में युवाओं और महिलाओं को भागीदारी के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर प्रदेश में 1,592-1,592 युवा एवं महिला प्रबन्धित मतदान केन्द्र बनाए गए थे. राजस्थान में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 8-8 महिला एवं युवा प्रबंधित मतदान केन्द्र और एक दिव्यांग प्रबन्धित मतदान केन्द्र बनाया गया था.
प्रदेश में अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में मताधिकार के प्रति मतदाताओं का भारी रुझान देखने को मिला. पाली जिले के बाली विधानसभा क्षेत्र में एक सजा-धजा दूल्हा बारात रवाना होने से पहले वोट डालने मतदान केन्द्र पहुंचा.राजसमन्द जिले मे धोइंदा निवासी संगीता पुत्री मोहनलाल ने शादी के बाद विदाई से पहले अपना वोट दिया.
बारां जिले में गोयरा ग्राम पंचायत के मतदान केन्द्र पर पीवीटीजी समूह में आने वाली सहरिया जनजाति के मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. सिरोही जिले के आबू-पिण्डवाडा विधानसभा क्षेत्र के शेरगांव में 4,921 फुट की उंचाई पर पहली बार मतदान केंद्र बनाया गया.यहां पहुंचने के लिए मतदान दल को गुरु शिखर से करीब 17 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. इस केंद्र पर स्थानीय ग्रामीणों में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखा.थर्ड जेंडर मतदाताओं ने भी बढ़चढ़ कर मताधिकार का प्रयोग किया. इस तरह के समाचार प्रदेश में अनेक स्थानों से प्राप्त हुए.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के 22.61 लाख मतदाताओं ने मतदान के लिए पंजीकरण कराया था. मतदान केन्द्रों पर इन मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए सेल्फी बूथ बनाए गए थे.मतदान के बाद इन युवाओं ने अमिट स्याही लगी उंगली दिखाते हुए बड़ी संख्या में रील्स और मीम्स आदि बना कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किए. उन्होंने बताया कि सीईओ राजस्थान की वेबसाइट पर अमिट स्याही लगी उंगली दिखाते हुए 34,000 से अधिक मतदाताओं ने सेल्फी अपलोड की. इन मतदाताओं को ई-सर्टिफिकेट जारी किए गए.
गुप्ता ने बताया कि चुनाव में धन-बल का दुरुपयोग रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों के अंतर्गत इस विधानसभा चुनाव में चुनाव खर्च निगरानी का नया रिकॉर्ड बना.आदर्श आचार संहिता के दौरान निर्वाचन विभाग के निर्देश पर गठित एफएस,एसएसटी एवं अन्य एन्फोर्समेंट एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी और निरंतर प्रयासों से राज्य में 692.36 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध नकदी,शराब और अन्य सामग्री जब्त की गई. विधानसभा आम चुनाव-2018 की तुलना में यह आंकड़ा 970 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने बताया कि सी-विजिल एप का व्यापक स्तर पर उपयोग करते हुए आमजन ने शिकायतें दर्ज कराईं,इनमें से अधिकांश का 100 मिनट के नियत समय में निस्तारण किया गया. 25 नवम्बर, 2023 (प्रातः11 बजे) तक प्राप्त 20,298 शिकायतों में से 20,245 का निस्तारण किया गया, जबकि 53 शिकायतों का निस्तारण प्रक्रियाधीन है.सबसे अधिक 3,889 शिकायतें जयपुर, 2,002 कोटा जिले से और सबसे कम 68 शिकायतें जैसलमेर एवं 90 शिकायतें बांसवाड़ा जिले से प्राप्त हुईं.
इनमें सबसे अधिक शिकायतें बिना अनुमति लगे पोस्टर और बैनर से संबंधित थी. उन्होंने बताया कि सुविधा पोर्टल के माध्यम से राजनैतिक दलों को डोर-टु-डोर अभियान, हेलिकॉप्टर, वीडियो वैन, नुक्कड़ सभाओं, रैली, वाहन आदि की अनुमतियों के लिए 23,407 आवेदन प्राप्त हुए, इनमें 18,313 अनुमतियां प्रदान की गई.
- मतदान दलों और सेक्टर अधिकारियों के लिए ऑडियो पॉडकास्ट.
- निर्वाचन संबंधी फॉर्म और लिफाफों के वितरण के लिए बुकलेट्स में संयोजन.
- वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में शनिवार (नो बैग डे) को स्वीप गतिविधियां.
- यूनिवर्सिटी, कॉलेज के युवाओं और नव मतदाताओं में ईवीएम-वीवीपैट जागरुकता और हैंड्स ऑन.
- डीआईपीआर द्वारा दैनिक राज्य स्तरीय डिजिटल एवं वीडियो स्वीप बुलेटिन का प्रसारण। कई जिलों में जिला स्तरीय स्वीप न्यूज बुलेटिन का प्रसारण.
- मतदान के प्रति युवा, महिला, घुमंतू एवं अर्धघुमंतू जनजातियों, थर्ड जेंडर, प्रवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए सतरंगी सप्ताह का आयोजन.
- मतदाता जागरुकता के लिए 80 हजार से अधिक फॉलोअर्स के साथ सीईओ राजस्थान का व्हाट्सएप चैनल शुरू.
- सजग और जिम्मेदारीपूर्ण मतदान के लिए 70 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को ई-शपथ.
- 1.25 करोड़ वोटर-गाइड का परिवारों में वितरण। सभी मतदाताओं तक मतदाता सूचना पर्ची का वितरण.
- गत तीन माह में 45 करोड़ से अधिक बल्क एसएमएस भेजकर वोट देने के लिए अपील.
- आइकन्स द्वारा मतदाता जागरुकता संदेश
- सीईओ, राजस्थान की पहल पर एफएम रेडियो चैनल्स पर 72 घंटे लम्बा वोटेथॉन जैसे जागरुकता कार्यक्रम.