Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में टोटल 5 करोड़ से अधिक वोटर्स वोटिंग करने वाले है. मतदाता को लुभाने के लिए पैसा, शराब, मादक पदार्थ और सोना-चांदी का खेल खेले जाने की संभावना है. वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए नाजायज तरीकों पर कैसे लगेगी लगाम?
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Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में टोटल 5 करोड़ से अधिक वोटर्स वोटिंग करने वाले है. मतदाता को लुभाने के लिए पैसा, शराब, मादक पदार्थ और सोना-चांदी का खेल खुलकर खेला जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस साल होने वाले राजस्थान चुनाव में वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए नाजायज तरीकों पर लगाम लगेगी.
राजस्थान में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में शराब- नकदी,नशीले पदार्थ पकडे़
71.10 करोड़ रुपए की अवैध शराब, नशीले पदार्थ व अन्य सामग्री पकड़ी गई
2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 375.61 करोड़ की जब्तियां की गई
2022 में यूपी,उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर,गोवा विधानसभा चुनावों में भी जब्तियां
इन पांच राज्यों में 1018 करोड़ रुपए की नकदी,शराब,कीमती वस्तुएं की जब्त
लाख सख्ती के बावजूद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के आम चुनावों में मतदाता को लुभाने के लिए पैसा, शराब, मादक पदार्थ और सोना-चांदी का खेल खुलकर खेला जा रहा है. चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल जहां चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करते हैं, वहीं धनबल, शराब और चांदी के अवैध हथियारों का इस्तेमाल करने से भी बाज नहीं आते. राजस्थान में 2018 और इसके बाद 2022 में कर्नाटक और 2023 में यूपी,उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर,गोवा विधानसभा चुनावों में इस तरह का ट्रेंड देखा गया, लेकिन चुनाव आयोग की सख्ती के चलते अवैध शराब और हथियार पकड़े भी गए.
चुनाव में धन-बल और नशे के इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनाव आयोग भले ही काफी सख्त है लेकिन चुनाव में मतदाताओं को उपहार, शराब आदि के जरिये लुभाने के अपने पुराने हथकंडे पर राजनीतिक दल अभी भी बेखौफ डटे हैं. यही वजह है कि प्रत्येक चुनाव में मतदाताओं को देने वाले उपहार, शराब, कैश भारी मात्रा में बरामद हो रहे हैं.
चौंकाने वाली बात यह है कि मादक पदार्थों ने धन-दौलत और शराब सबको पीछे छोड़ दिया है. चुनाव आयोग के आंकडों पर नजर डाले तो इसी साल मई माह में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 375.61 करोड की जब्तियां की गई. जिसमें नकदी, शराब, मादक पदार्थ, कीमती धातु की वस्तुएं, मुफ्त उपहार शामिल हैं जबकि 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 83.78 करोड़ रु. की जब्तियां की गई थी.
यानि की कर्नाटक राज्य में 2018 की तुलना में 2023 के विधानसभा चुनाव में जब्तियों में 4.5 गुना बढोतरी हुई हैं. इसी तरह राजस्थान की बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में 71.10 करोड़ रुपए की अवैध शराब, नशीले पदार्थ और अन्य सामग्री पकड़ी गई थी. इस बार भी चुनाव में धनबल और शराब का उपयोग होने की आशंका है इसलिए इस बार आदर्श आचार संहिता लगने से पहले ही निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च की मॉनिटरिंग के लिए राज्य में शराब, ड्रग्स, नगदी और मुफ्त में बांटने की सामग्री के परिवहन पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए.
जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है. निर्वाचन आयोग की ओर से निर्देश मिलने के बाद सभी जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है.अवैध शराब के परिवहन पर कड़ी नजर रखी जा रही है. साथ ही समाज कंटकों की पहचान भी की जा रही है. संदिग्ध लोगों को पाबंद किया जाएगा.
15 करोड़ 49 लाख नकदी
20 करोड़ 44 लाख रुपए की शराब पकड़ी गई
20 करोड़ 58 लाख की अन्य लुभाने वाली सामग्री पकड़ी गई
14 करोड़ 59 लाख के ड्रग्स और नशीले पदार्थ पकड़े गए
71.10 करोड़ रुपए की कुल सामग्री पकड़ी गई
03 लाख 95 हजार लोगों को पाबंद किया गया
4206 अवैध हथियार 1481 कारतूत जब्त किए गए
370.10 किलो विस्फोटक जब्त
147 करोड़ 46 लाख की नकदी
83 करोड़ 66 लाख रुपए की शराब पकड़ी गई
23 करोड़ 67 लाख के ड्रग्स और नशीले पदार्थ पकड़े गए
96 करोड़ 60 लाख की कीमती धातु (सोना-चांदी), की वस्तुएं पकड़ी गई
24 करोड़ 21 लाख की अन्य लुभाने वाली सामग्री पकड़ी गई
375.61 करोड़ रुपए की कुल सामग्री पकड़ी गई
जबकि 2018 विधानसभा चुनाव में 83.93 करोड की जब्तियां की गई
140 करोड़ 29 लाख की नकदी
99 करोड़ 84 लाख रुपए की शराब पकड़ी गई
569 करोड़ 52 लाख के ड्रग्स और नशीले पदार्थ पकड़े गए
115 करोड की कीमती धातु (सोना-चांदी) की वस्तुएं पकडी गई
93 करोड़ की अन्य लुभाने वाली सामग्री पकड़ी गई
1018 करोड़ रुपए की कुल सामग्री पकड़ी गई
जबकि 5 राज्यों में 2017 विधानसभा चुनाव में 299.84 करोड की जब्तियां की गई
चुनाव आयोग का मानना है की प्रलोभन मुक्त निर्वाचन हो. हाल ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने अलग अलग राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को लेकर जब्तियों को लेकर डाटा शेयर किया. जिसमें चौकाने वाले आंकडे़ सामने आए. उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा राज्यों 1018 करोड़ से ज्यादा की नकदी, शराब, मादक पदार्थ, कीमती धातु की वस्तुएं (सोना-चांदी), मुफ्त उपहार की जब्ती की गई.
जबकि इन पांचों राज्य में 2017 के विधानसभा चुनाव में जब्ती का आंकडा 299.84 करोड़ ही था. उन्होंने बताया की चुनाव के दौरान निर्वाचन विभाग के उड़न दस्ते, एसएसटी, स्थानीय पुलिस, आबकारी विभाग और ड्रग्स-नारकोटिक्स विभाग आदि सरकारी एजेंसियां कार्रवाई में लग जाती हैं. जिसकी जिला निर्वाचन अधिकारी मॉनिटरिंग करते हैं.
बहरहाल, केंद्रीय चुनाव आयोग का मानना है की उनकी सख्ती और लोगों की जागरूकता के चलते यह जब्ती बढ़ी है. मतदाताओं को लुभाने वाली वस्तुओं की आवाजाही पर पैनी नजर रखने के लिए चेक पोस्ट बनाने के साथ पुलिस, आबकारी, आयकर, राजस्व, मादक पदार्थ और जीएसटी प्रर्वतन एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा हैं.
पड़ोसी राज्यों के बार्डर पर होने वाली वाहनों की आवाजाही पर कड़ी नजर हैं. सामान्य पर्यवेक्षकों के साथ-साथ जागरूकता पर्यवेक्षक, आयकर विभाग, आबकारी विभाग, पुलिस, अर्ध सैनिक बलों के जवानों के निशाने पर अवैध धन और शराब लाने-ले जाने वाले रहेंगे.