Motidungari Mahant help Hridayansh: मोतीडूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा मासूम हृदयांश की मदद के लिए आगे आये है. अलवर का ह्रदयांश एक खतरनाक बीमारी से ग्रस्त है. जिसके लिए इसके माता पिता को मदद की दरकार है.
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Motidungari Mahant help Hridayansh: मोतीडूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा मासूम हृदयांश की मदद के लिए आगे आये है. महंत ने हृदयांश को बचाने के लिए मोतीडूंगरी गणेश मंदिर ट्रस्ट की तरफ से 5 लाख की मदद की है. जिसका चेक उन्होंने हृदयांश के परिजनों को सौंपा है.
बता दें कि अलवर का ह्रदयांश एक खतरनाक बीमारी से ग्रस्त है. जिसके लिए इसके माता पिता को मदद की दरकार है. उसका इलाज करवाने के लिए लगभग 17 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरुरत है. ह्रदयांश का परिवार अलवर जिले के कठूमर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मसारी का रहने वाला है. उसके पिता राजस्थान पुलिस में सब- इंस्पेक्टर के पद पर है.
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ह्रदयांश 1 साल 8 महीने का बच्चा है, जो इस वक्त जिंदगी की जंग लड़ रहा है. उसे एक खतरनाक बीमारी 'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' (Spinal Muscular Atrophy) की चपेट में है. उसी के इलाज के लिए परिजनों की ओर से मदद की गुहार भी की जा रही है. जिससे मासूम ह्रदयांश की जान बचाई जा सके. ह्रदयांश का परिवार मिडिल क्लास से संबंध रखता है. उसके माता पिता के लिए इतने पैसों का इंतजाम करना बेहद मुश्किल है.
4 महीने का बचा समय
मासूम ह्रदयांश के जीवन को लेकर परिजनों को स्वयंसेवी संगठनों, राज्य सरकार केन्द्र सरकार से ही उम्मीद बची है.क्योंकि चिकित्सकों के अनुसार अगर चार महीने में यह इंजेक्शन मासूम ह्रदयांश के नहीं लगा तो धीरे धीरे फेफड़ों में और पूरे शरीर में इस बिमारी का फैलना शुरू हो जाएगा.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी क्या है?
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA रोग) या SMA है यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर या आनुवंशिक रोग है, जो ब्रेन की नर्व सेल्स और रीढ़ की हड्डी (मोटर न्यूरॉन्स) को नुकसान पहुंचाती है, जिससे मांसपेशियां तेजी से कमजोर हो जाती हैं.
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