Padma shri Award: राजस्थान का बढ़ा मान, अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को मिलेगा पद्मश्री, 50 एल्बम हो चुके हैं जारी
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Padma shri Award: राजस्थान का बढ़ा मान, अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को मिलेगा पद्मश्री, 50 एल्बम हो चुके हैं जारी

Padma shri Award: राजस्थान के  अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन ने गणतंत्र के अवसर पर एक अच्छी खबर दी है, इस खबर से न सिर्फ इन दोनों गजल गायकों का बल्कि राजस्थान का मान बढ़ा है. क्योंकि केंद्र सरकार ने राजस्थान के 2 कलाकारों को पद्मश्री देने का फैसला किया.

 

फाइल फोटो,

Padma shri Award: राजस्थान की कला को प्रदेश ही नहीं देश विदेश में भी सराहा जा रहा है. इसी कड़ी में राजस्थान के 2 कलाकारों को केंद्र सरकार ने पद्मश्री देने का फैसला किया है. अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के ग़ज़ल गायक हैं.

यह दो भाई हैं जो शास्त्रीय ग़ज़ल गाते हैं. इनका जन्म उस्ताद अहमद हुसैन 3 फरवरी 1951, उस्ताद मोहम्मद हुसैन 2 दिसंबर 1953 में हुआ. राजस्थान में प्रसिद्ध ग़ज़ल और ठुमरी गायक उस्ताद अफ़ज़ल हुसैन के पुत्र के रूप में इन दोनों का जन्म हुआ. 

यह जोड़ी भारतीय शास्त्रीय संगीत और भजन के साथ-साथ ग़ज़ल जैसी शैलियों को छूती है. उन्होंने अपना गायन करियर में जयपुर घराने के शास्त्रीय और ठुमरी कलाकारों के रूप में शुरू किया. उनका पहला एल्बम गुलदस्ता 1980 में रिलीज़ हुई और सफल रही. तब से उन्होंने लगभग 50 एल्बम जारी किए हैं. उन्होंने टेम्पो संगीत की ओर रुख करके अपने संगीत को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया.

 उस्ताद अहमद और मोहम्मद हुसैन ग़ज़ल की दुनिया के उल्लेखनीय व्यक्तित्व हैं. वे दो भाई हैं जो एक साथ ग़ज़ल गाते हैं. वे शास्त्रीय शैली में गजल गाते हैं. इनके बेटे जावेद हुसैन, मज्जम हुसैन और इमरान हुसैन भी गायक हैं. 2010 में, उन्होंने सारेगामा लेबल के तहत एक नया एल्बम ख्वाब बसेरा जारी किया. एल्बम में डॉ. हरिओम की "धूप का परचम" की चुनिंदा ग़ज़लों के साथ-साथ कुछ नई ग़ज़लें भी शामिल हैं.

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार आईपीए , संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, जिसे अकादमी पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है , संगीत नाटक अकादमी , भारत की संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी द्वारा दिया जाने वाला एक पुरस्कार है. यह प्रदर्शन कला के क्षेत्र में लोगों को दिया जाने वाला सर्वोच्च भारतीय सम्मान है.

 इससे पहले 2003 में पुरस्कार में 50,000, एक प्रशस्ति पत्र, एक अंगवस्त्रम शॉल, और ताम्रपत्र दिया गया. संगीत, नृत्य, रंगमंच, अन्य पारंपरिक कलाओं और कठपुतली की श्रेणियों में और प्रदर्शन कलाओं में योगदान/छात्रवृत्ति के लिए दिए जाते हैं। इन सभी ख्याति अर्जित करने वाले दोनों भाइयों को सरकार ने पद्मश्री देने का फैसला किया.

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