राज्य में बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है. बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है.
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Jaipur: प्रदेश में होमगार्ड के 3842 खाली पदों पर भर्ती की तैयारी है. विभाग ने राज्य सरकार को भर्ती का प्रस्ताव भेज दिया है. गृह विभाग से प्रस्ताव होमगार्ड राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. मंत्री की सहमति के बाद होमगार्ड की नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वहीं दूसरी ओर मौजूदा होमगार्ड को रोजगार नहीं मिलने के कारण स्वयंसेवकों में जबरदस्त आक्रोश है.
राज्य में बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है. बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. सरकार ने सभी विभागों से पूछा कि उनके यहां कितने पद खाली हैं. होमगार्ड महकमे ने होमगार्ड स्वयंसेवकों के रिक्त पदों को खंगाला तो तो 3842 पद खाली पाए गए. इनमें 297 बॉर्डर होमगार्ड के पद शामिल हैं.
इसके बाद सरकार होमगार्ड स्वयंसेवकों के 3842 पदों पर भर्ती करने जा रही है. विभाग से होमगार्ड स्वयंसेवकों के नामांकन का प्रस्ताव गृह विभाग को भिजवाया गया. गृह विभाग से प्रस्ताव पर होमगार्ड मंत्री की मंजूरी के लिए भेजा गया है. मंत्री की मंजूरी के बाद होमगार्ड की नामांकन प्रक्रिया शुरू किए जाने की संभावना है.
इधर राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन ने सरकार की नए होमागार्ड भर्ती की तैयारी पर विरोध जताया है. संगठन के प्रदेशाध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ का कहना है कि पिछले साल राज्य सरकार ने 2500 होमगार्ड स्वयंसेवकों का नामांकन किया था, जिन्हें आज तक रोजगार नहीं मिल पाया है.
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में हजारों की तादाद में होमगार्ड व स्वयंसेवक हैं जो रोजगार की आस कर रहे हैं. एक तिहाई स्वयंसेवकों को भी पूरा रोजगार नहीं मिल पा रहा है. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 12 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों को विभिन्न् सरकारी विभागों में लगाने की घोषणा की थी, लेकिन उस पर अभी अमल नहीं हो पाया.
वहीं अब बेरोजगार होमगार्ड की फौज बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए. प्रदेश में वर्तमान में प्रदेश में होमगार्ड की स्वीकृत नफरी 30 हजार 714 है , जिनमें 2664 बॉर्डर होमगार्ड के शामिल हैं. इनमें 28 हजार के लगभग ऑन रोल अर्थात नामांकित हैं. मौजूदा होमगार्ड स्वयंसेवकों में से साठ प्रतिशत को नियमित ड्यूटी नहीं मिल पा रही है. नियमित ड्यूटी की मांग को लेकर होमगार्ड कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं, लेकिन सरकार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं दे रही है.
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