राजस्थान हाईकोर्ट ने फूल मोहम्मद हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट कर अभियुक्त डीएसपी महेंद्र सिंह सहित 29 अन्य की सजा को स्थगित कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में महेन्द्र सिंह को विभागीय जांच से दोषमुक्त किया जा चुका है.
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Phool Mohammad Murder Case: राजस्थान हाईकोर्ट ने मानटाउन थाने के तत्कालीन थानाधिकारी फूल मोहम्मद हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट कर अभियुक्त डीएसपी महेंद्र सिंह सहित 29 अन्य की सजा को स्थगित कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश महेन्द्र सिंह व अन्य की ओर से दायर अपील में सजा स्थगित करने के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में महेन्द्र सिंह को विभागीय जांच से दोषमुक्त किया जा चुका है.
इसके अलावा घटना पूर्व निर्धारित नहीं थी व याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सीधे तौर पर हत्या का आरोप भी नहीं है. वहीं अपील को तय होने में काफी समय लगेगा. ऐसे में अपील के निस्तारण का अभियुक्तों की सजा स्थगित की जाती है.
प्रकरण में अनुसार सवाई माधोपुर के मानटाउन थाना इलाके में सूरवाल गांव में दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और पीड़ित पक्ष को मुआवजे की मांग को लेकर 17 मार्च, 2011 को प्रदर्शन किया जा रहा था. इस दौरान राजेश मीणा और बनवारी मीणा बोलत में पेट्रोल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी देने लगे. लोगों की समझाइश पर बनवारी नीचे उतर गया, लेकिन राजेश ने खुद को आग लगाकर नीचे छलांग लगा दी. जिसके चलते उसकी मौत हो गई.
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इसके चलते वहां मौजूद भीड बेकाबू हो गई और पुलिस पर पथराव करने लगी. इस दौरान मानटाउन थानाधिकारी फूल मोहम्मद पथराव से बचने के लिए जीप में बैठ गए. इस दौरान भीड ने फूल मोहम्मद को जिंदा जला दिया गया. मामले में सवाई माधोपुर की एससी, एसटी कोर्ट ने नवंबर, 2022 में डीएसपी महेन्द्र सिंह सहित 29 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अभियुक्तों की ओर से इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. वहीं अभियुक्तों की ओर से सजा स्थगित करने के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि अपील तय होने में समय लगने की संभावना को देखते हुए उनकी सजा को स्थगित किया जाए.