दादा-दादी को कंधे पर उठाकर शुरू की कांवड़ यात्रा, लोग कह रहे कलयुग का श्रवण कुमार
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दादा-दादी को कंधे पर उठाकर शुरू की कांवड़ यात्रा, लोग कह रहे कलयुग का श्रवण कुमार

Kanwar Yatra by carrying grandparents on shoulders: यूपी के गाजियाबाद का एक युवक अपने दादा-दादी को कंधे पर उठाकर कांवड़ यात्रा कर रहा है. उसके इस काम की चारो ओर सराहना हो रही है. बताया जा रहा कि राहुल सैनी ने 20 जून को हरिद्वार (Haridwar) के हर की पैड़ी (har ki padi) के लिए कांवड़ यात्रा शुरू की.

 

दादा-दादी को कंधे पर उठाकर शुरू की कांवड़ यात्रा, लोग कह रहे कलयुग का श्रवण कुमार

Kanwar Yatra Rahul saini Ghaziabad: आज जहां कई माता-पिता वृद्धावस्था में सेवा के लिए दर-दर भटक रहे हैं. उन्हें दो पहर की रोटी नसीब नहीं हो रही, वहीं दूसरी ओर एस ऐसा सपूत भी है, जो अपने दादा-दादी को कंधे पर उठाकर कांवड़ यात्रा करने लिकला है. ये युवक यूपी के गाजियाबाद जिले का रहने वाला है. आज कल लोग इसे कलयुग का श्रवण कुमार कह कर बुलाते हैं.

दादा-दादी को कंधे पर ले कर चला हरिद्वार 

बताया जा रहा है कि राहुल सैनी (Rahul Saini) की इच्छा थी कि वह अपने दादा-दादी को कंधे पर उठाकर धार्मिक यात्राएं करवाए. इस यात्रा के लिए  सावान (Sawan) से पवित्र समय और क्या हो सकता है. राहुल ने श्रावण की शिवरात्रि पर कांवड़ लाने का संकल्प लिया, और कांवड़ में दादा-दादी को बैठा कर हरिद्वार (Haridwar) की हर की पैड़ी (har ki padi) के लिए चल दिया. 

देखिए वीडियो...

राहुल को कलयुग का श्रवण कुमार बुला रहे  लोग 

बताया जा रहा है कि राहुल सैनी गाजियाबाद के असलतपुर फकरू गांव का निवासी है. उसने 20 जून को अपने 85 वर्षीय दादा धन्नू और 82 वर्षीय दादी बलबीरी को कांवड़ में बैठाकर यात्रा शुरू की है. राहुल की इस कांवड़ यात्रा की हर ओर सराहना हो रही है. 135 किलो का वजन उठाकर इतनी लंबी यात्रा कोई आसान काम नहीं. इसी लिए लोग उसे आधुनिग युग का श्रवण कुमार बुलाते हैं.

गांव के शिवजी का होगा जलाभिषेक 

बताया जा रहा है कि राहुल अपने गांव के शिवालय के शिव जी का इस गंगाजल से जलाभिषेक करेगा. राहुल सैनी को बचपन से ही दादा-दादी से स्नेह रहा है. जिसकी वजह से उसने दादा-दादी की धार्मिक यात्रा को पूरी करवाया है. इस पवित्र यात्रा में राहुल उकेला नहीं है, उसके दो दोस्त पप्पू और हिमांशु भी शामिल हैं, जो उसका हौसला बढ़ाते हैं और कांवड़ उठाने में सहयोग भी करते हैं. वहीं पोते ऐसा स्नेह पा कर धन्नू और बलवीरी भगवान से से प्रार्थना करते हैं कि वह ऐसी औलाद और पोते सबको दे.

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